राहुल गांधी ने वोट चोरी के आरोपों पर चुनाव आयोग से मांगी मदद
कर्नाटक में वोट अधिकार रैली में राहुल गांधी का बयान
कर्नाटक में आयोजित 'वोट अधिकार रैली' में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भारत के संविधान की सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अंबेडकर, महात्मा गांधी, नेहरू और सरदार पटेल की आवाजें संविधान में सुनाई देती हैं। इसके साथ ही बसवना, नारायण गुरु और फुले जी की भी आवाजें शामिल हैं। राहुल ने बताया कि भारत का संविधान हर नागरिक को वोट देने का अधिकार प्रदान करता है। उन्होंने पिछले चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि पहले लोकसभा चुनाव हुए, फिर महाराष्ट्र और कर्नाटक के चुनाव आए। महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की, लेकिन चार महीने बाद भाजपा ने विधानसभा चुनाव जीत लिया, जो चौंकाने वाला था। उन्होंने यह भी बताया कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में एक करोड़ नए मतदाताओं ने मतदान किया।
चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्होंने यह साबित किया है कि चुनाव आयोग और भाजपा ने वोटों की चोरी की है। उन्होंने भाजपा की विचारधारा को संविधान के खिलाफ बताया और कहा कि कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता इसकी रक्षा करेंगे। उन्होंने चुनाव आयोग से पिछले 10 वर्षों की मतदाता सूचियाँ और वीडियो रिकॉर्डिंग की मांग की। राहुल ने कहा कि कर्नाटक में पोलिंग के अनुसार कांग्रेस को 15-16 सीटें मिलनी चाहिए थीं, लेकिन उन्हें केवल 9 सीटों पर जीत मिली। इस पर उन्होंने सवाल उठाया कि क्या वास्तव में वे ये सीटें हार गए थे।
आवश्यक डेटा की मांग
कांग्रेस नेता ने चुनाव आयोग से मदद मांगी, जिसमें वोटर लिस्ट और CCTV फुटेज की मांग की गई, लेकिन आयोग ने कोई सहायता नहीं की। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने वीडियो देने का कानून भी बदल दिया। राहुल ने कहा कि आयोग मुझसे हलफनामा मांगता है, जबकि मैंने संसद में संविधान की शपथ ली है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब जनता ने आयोग से सवाल पूछना शुरू किया, तो आयोग ने अपनी वेबसाइट बंद कर दी।
स्वतंत्र जांच का निर्णय
राहुल ने स्पष्ट किया कि अगर चुनाव आयोग उन्हें इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रदान करता है, तो वे साबित कर देंगे कि नरेंद्र मोदी वोट चोरी करके प्रधानमंत्री बने हैं। उन्होंने कहा कि जब आयोग से मदद नहीं मिली, तो उन्होंने खुद से जांच शुरू की। इसके लिए उन्होंने बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा क्षेत्र के महादेवापुरा विधानसभा क्षेत्र का चयन किया। जांच में उन्होंने पाया कि महादेवापुरा में 6.5 लाख वोट हैं, जिनमें से 1,00,250 वोट चोरी किए गए हैं। इसका मतलब है कि भाजपा ने हर 6 में से 1 वोट चुराया है।