राहुल गांधी का भाजपा पर गंभीर आरोप: वोट चोरी और संविधान का महत्व
राहुल गांधी का बयान
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपने विरोधियों पर व्यक्तिगत हमलों का सहारा लेता है। उन्होंने यह भी कहा कि महात्मा गांधी के खिलाफ भी इसी तरह की रणनीति अपनाई गई थी। राहुल ने यह सवाल उठाया कि अमित शाह ने कैसे भविष्यवाणी की कि भाजपा सरकार 40-50 साल तक सत्ता में रहेगी। यह बयान उनके लिए अजीब था। उन्होंने कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा 'वोट चोरी' करती है, जिसकी शुरुआत गुजरात से हुई और 2014 में यह पूरे देश में फैल गई। राहुल ने स्पष्ट किया कि वह केवल तथ्यों के आधार पर बोलते हैं।
भाजपा नेताओं की चुप्पी
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस पर भाजपा के किसी नेता ने प्रतिक्रिया नहीं दी, जबकि वे अक्सर हर मुद्दे पर टिप्पणी करते हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह ने इस पर एक शब्द भी नहीं कहा। चोर हमेशा चुप रहता है क्योंकि उसे पता होता है कि वह पकड़ा गया है। उन्होंने संविधान का उल्लेख करते हुए कहा कि हर भारतीय को वोट देने का अधिकार है।
संविधान और वोट का महत्व
राहुल ने कहा कि अमित शाह का यह बयान कि भाजपा 40-50 साल तक सत्ता में रहेगी, इसलिए है क्योंकि वे 'वोट चोरी' करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री चुनाव आयुक्त की नियुक्ति तय करते हैं और विपक्ष की आवाज को अनसुना किया जाता है। 2023 में भाजपा ने एक नया कानून बनाया है कि चुनाव आयुक्त पर कोई केस नहीं किया जा सकता। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसा कानून क्यों बनाया गया, और इसका उत्तर 'वोट चोरी' है।
वोट का अधिकार और संविधान
राहुल गांधी ने कहा कि संविधान में यह स्पष्ट है कि हर नागरिक को एक वोट मिलेगा, चाहे वह अमीर हो या गरीब। उन्होंने बताया कि अमीरों को वोट की आवश्यकता नहीं होती, जबकि गरीबों को इसके बिना कोई अधिकार नहीं मिल सकता। उन्होंने यह भी कहा कि आजादी से पहले लोगों के पास वोट नहीं था, इसलिए उनके पास कोई अधिकार नहीं था। संविधान ने सभी को अधिकार और भागीदारी दी है।
भविष्य की चिंता
राहुल ने चेतावनी दी कि यदि वोट का अधिकार समाप्त हो गया, तो लोगों के पास कोई शक्ति नहीं बचेगी। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी वोट और संविधान से डरते हैं, और यदि वोट चोरी हो गई, तो वे अपने घरों में बैठ जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के नेता संविधान को बदलने की बात कर रहे हैं, लेकिन संविधान को कोई ताकत नहीं बदल सकती।