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राहुल गांधी का पार्थ पवार पर हमला: जमीन घोटाले का मामला तूल पकड़ रहा है

महाराष्ट्र में पार्थ पवार की कंपनी से जुड़े एक कथित जमीन घोटाले ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। राहुल गांधी ने इस मामले में तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि दलितों के लिए आरक्षित सरकारी जमीन को कम कीमत पर बेचा गया। उन्होंने मोदी सरकार पर भी निशाना साधा, यह कहते हुए कि यह सरकार लुटेरों पर निर्भर है। क्या पार्थ पवार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं? जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
 

राहुल गांधी का आरोप

पार्थ पवार पर राहुल गांधी का हमला.

पुणे में अजित पवार के बेटे पार्थ पवार की कंपनी से जुड़े एक कथित भूमि घोटाले ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। विपक्ष इस मुद्दे पर उन्हें घेरने में जुटा है। कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने भी इस मामले में तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में ₹1800 करोड़ की सरकारी भूमि, जो दलितों के लिए आरक्षित थी, केवल ₹300 करोड़ में मंत्री के बेटे की कंपनी को बेच दी गई। इसके साथ ही स्टांप ड्यूटी भी माफ कर दी गई। इसका मतलब है कि यह एक बड़ी लूट है और कानूनी प्रक्रिया में भी छूट दी गई है!

राहुल गांधी ने आगे कहा कि यह जमीन चोरी उस सरकार की है, जो खुद वोट चोरी से सत्ता में आई है। उन्हें पता है कि चाहे जितना भी लूटें, वोट चोरी करके वे फिर से सत्ता में आ जाएंगे। न तो लोकतंत्र की चिंता है, न जनता की, और न ही दलितों के अधिकारों की। मोदी जी, आपकी चुप्पी बहुत कुछ बयां करती है। क्या आप इसलिए चुप हैं क्योंकि आपकी सरकार उन्हीं लुटेरों पर निर्भर है जो दलितों और वंचितों का हक छीनते हैं?


क्या बढ़ेंगी पार्थ पवार की मुश्किलें?

बढ़ने वाली हैं पार्थ पवार की मुश्किलें?

राहुल गांधी के इस हमले के बीच कुछ महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। सूत्रों के अनुसार, फिलहाल कंपनी के कानूनी अधिकार के तहत दिग्विजय पाटिल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, लेकिन आगे की जांच में पार्थ पवार पर भी मामला दर्ज होने की संभावना है।


एफआईआर में नाम जुड़ने की संभावना

…तो FIR में जोड़ा जा सकता है नाम

सूत्रों का कहना है कि पार्थ पवार ने जिस कंपनी के माध्यम से सरकारी भूमि खरीदी, उसमें वे एक पद पर थे। इसलिए उनके खिलाफ मामला दर्ज होने की संभावना जताई जा रही है। यदि जांच में उनका नाम सामने आता है, तो एफआईआर में उनका नाम जोड़ा जा सकता है, जिसके आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा, अतिरिक्त चार्जशीट में भी उनका नाम शामिल किया जा सकता है। वर्तमान में पुणे भूमि घोटाले में दो अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में मामले दर्ज किए गए हैं.