राहुल गांधी और यूपी मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के बीच तीखी बहस
रायबरेली में एक बैठक के दौरान राहुल गांधी और यूपी के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के बीच तीखी बहस हुई। फंड के वितरण को लेकर हुई इस बहस में दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर तीखे आरोप लगाए। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और इसके पीछे की वजहें। क्या यह राजनीतिक तनाव का संकेत है? पढ़ें पूरी जानकारी के लिए।
Sep 12, 2025, 11:57 IST
राहुल गांधी और दिनेश प्रताप सिंह के बीच विवाद
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और उत्तर प्रदेश के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के बीच एक बैठक में तीखी बहस हुई। यह विवाद रायबरेली संसदीय क्षेत्र में फंड के वितरण को लेकर हुआ। राहुल गांधी ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इस क्षेत्र को फंड बहुत देर से मिल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि "मैं दिशा बैठक का अध्यक्ष हूँ, इसलिए मुझसे पूछा जाना चाहिए।" इस पर दिनेश प्रताप सिंह ने जवाब दिया, "आप लोकसभा में अध्यक्ष की बात नहीं सुनते, तो हम आपकी बात क्यों सुनें?" यह बहस तब हुई जब राहुल गांधी 10 और 11 सितंबर को रायबरेली के दौरे पर थे।
रायबरेली में बैठक के दौरान विवाद
यह घटना रायबरेली में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक के दौरान हुई। उत्तर प्रदेश के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह राहुल गांधी के बगल में बैठे थे, तभी दोनों के बीच बहस शुरू हो गई।
राहुल गांधी ने कहा कि वह बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। "अगर आपको कुछ कहना है, तो पहले पूछिए, फिर मैं आपको बोलने का मौका दूंगा।" इस पर दिनेश प्रताप सिंह भड़क गए और बहस शुरू हो गई। बैठक में अमेठी के सांसद केएल शर्मा भी मौजूद थे, जो राहुल गांधी के साथ दिनेश प्रताप सिंह से बहस करते नजर आए।
राहुल गांधी का अध्यक्ष होने का दावा
बैठक में दिशा के कार्यक्षेत्र पर चर्चा हो रही थी। इसी दौरान राहुल गांधी ने एक मुद्दे पर सवाल उठाया और कहा कि उन्हें यह पहले ही पूछ लेना चाहिए था। इस पर दिनेश प्रताप सिंह ने आपत्ति जताते हुए कहा कि राहुल अध्यक्ष ज़रूर हैं, लेकिन उनकी हर बात सुनने के लिए बाध्य नहीं हैं। उन्होंने कहा, "आप तो खुद अध्यक्ष की भी बात नहीं सुनते।"
इसके बाद दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस शुरू हो गई, जिससे बैठक में मौजूद अधिकारी और अन्य जनप्रतिनिधि भी हैरान रह गए।
दिनेश प्रताप सिंह का परिचय
दिनेश प्रताप सिंह 2018 से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य हैं और इससे पहले वे कांग्रेस के सदस्य थे। वे 2010 से उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे हैं।
दिनेश प्रताप सिंह ने 16वीं लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी के खिलाफ रायबरेली से चुनाव लड़ा, जिसमें वे 1,67,178 मतों से हार गए।