राहुल गांधी और भाजपा के बीच मतदाता सूची पर विवाद
राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर सवाल
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग द्वारा किए गए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर सवाल उठाए हैं। इस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जवाब देते हुए कहा है कि राहुल की मां, सोनिया गांधी का नाम भारतीय नागरिक बनने से पहले ही इस सूची में शामिल किया गया था। भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक पोस्ट में कहा कि सोनिया गांधी का मतदाता सूची से संबंध चुनावी कानूनों के गंभीर उल्लंघनों से भरा हुआ है। उनका यह भी कहना है कि यही कारण है कि राहुल गांधी अयोग्य और अवैध मतदाताओं को नियमित करने के पक्षधर हैं और एसआईआर का विरोध कर रहे हैं।
सोनिया गांधी का मतदाता सूची में नाम
अमित मालवीय ने बताया कि सोनिया गांधी का नाम पहली बार 1980 में मतदाता सूची में शामिल किया गया था, जब वह अभी भी इतालवी नागरिक थीं। उस समय गांधी परिवार 1, सफदरजंग रोड पर निवास कर रहा था, जो प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का आधिकारिक निवास था। उन्होंने कहा कि उस समय मतदाता सूची में इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी और मेनका गांधी के नाम भी शामिल थे। 1980 में नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र की मतदाता सूची में संशोधन किया गया, जिसमें सोनिया गांधी का नाम मतदान केंद्र 145 पर दर्ज किया गया था। यह स्पष्ट रूप से उस कानून का उल्लंघन था, जिसमें कहा गया है कि मतदाता के रूप में पंजीकरण के लिए व्यक्ति का भारतीय नागरिक होना आवश्यक है।
मतदाता सूची से नाम हटाने का मामला
मालवीय ने आगे कहा कि भारी विरोध के बाद 1982 में सोनिया गांधी का नाम सूची से हटा दिया गया, लेकिन 1983 में फिर से शामिल किया गया। इस बार उनका नाम मतदान केंद्र 140 पर दर्ज किया गया, जबकि पंजीकरण की अर्हता तिथि 1 जनवरी, 1983 थी। हालाँकि, उन्हें 30 अप्रैल, 1983 को ही भारतीय नागरिकता प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी का नाम बिना नागरिकता की आवश्यकताओं को पूरा किए दो बार मतदाता सूची में दर्ज किया गया।
राहुल गांधी का अभियान
पिछले सप्ताह, राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर भाजपा के साथ मिलीभगत करके वोट चोरी करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कई उदाहरण दिए, जिसमें डुप्लिकेट मतदाता, फर्जी पते वाले मतदाता और नए मतदाताओं के फॉर्म 6 का दुरुपयोग शामिल था।