राष्ट्रपति भवन में परम वीर दीर्घा का उद्घाटन, मोदी ने दी श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 16 दिसंबर को विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में परम वीर दीर्घा का उद्घाटन किया। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीरों को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी शौर्य गाथाओं को साझा किया। मोदी ने बताया कि यह दीर्घा युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। उद्घाटन के दौरान कई प्रमुख हस्तियां उपस्थित थीं, और यह कार्यक्रम देश के वीरों के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है।
Dec 17, 2025, 18:05 IST
विजय दिवस पर विशेष उद्घाटन समारोह
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 16 दिसंबर को विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में परम वीर दीर्घा का उद्घाटन किया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी, चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह, और चीफ ऑफ नेवल स्टाफ एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी सहित कई प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं। इस उद्घाटन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक विशेष संदेश साझा किया।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "हे भारत के परमवीर… है नमन तुम्हें हे प्रखर वीर! ये राष्ट्र कृतज्ञ बलिदानों पर… भारत मां के सम्मानों पर!" उन्होंने राष्ट्रपति भवन की परमवीर दीर्घा में देश के अदम्य वीरों की तस्वीरों को साझा करते हुए कहा कि ये चित्र हमारे राष्ट्र रक्षकों को भावभीनी श्रद्धांजलि हैं। जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, उनके प्रति देश ने एक और रूप में अपनी कृतज्ञता अर्पित की है।
मोदी ने यह भी बताया कि लंबे समय तक राष्ट्रपति भवन की गैलरी में ब्रिटिश काल के सैनिकों की तस्वीरें लगी थीं, जिन्हें अब देश के परमवीर विजेताओं की तस्वीरों से बदल दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह दीर्घा गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलकर भारत को नवचेतना से जोड़ने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। कुछ साल पहले, सरकार ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में कई द्वीपों के नाम भी परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखे हैं।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि ये चित्र और दीर्घा हमारी युवा पीढ़ी के लिए भारत की शौर्य परंपरा से जुड़ने का एक महत्वपूर्ण स्थल है। यह युवाओं को प्रेरित करेगी कि राष्ट्र के उद्देश्य के लिए आत्मबल और संकल्प आवश्यक हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह स्थान विकसित भारत की भावना का एक महत्वपूर्ण तीर्थ बनेगा। आधिकारिक बयान के अनुसार, स्मरणोत्सव का मुख्य कार्यक्रम युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि समारोह था, जिसमें लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने श्रद्धांजलि अर्पित की।