राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए चार प्रमुख व्यक्तियों को नामित किया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का नामांकन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 12 जुलाई, 2025 को राज्यसभा के लिए चार प्रतिष्ठित व्यक्तियों का नामांकन किया है। इनमें प्रसिद्ध वकील उज्ज्वल निकम, अनुभवी राजनयिक हर्षवर्धन श्रृंगला, जानी-मानी इतिहासकार डॉ. मीनाक्षी जैन और केरल के शिक्षक एवं सामाजिक कार्यकर्ता सी. सदानंदन मास्टर शामिल हैं।
नामांकन का उद्देश्य
एक आधिकारिक राजपत्र अधिसूचना के अनुसार, यह नामांकन उन सीटों को भरने के लिए किया गया है जो पूर्व सदस्यों के सेवानिवृत्त होने से खाली हुई हैं। राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 80(1)(ए) के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए इन नामों को मंजूरी दी है। यह अनुच्छेद राष्ट्रपति को साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा में विशेष ज्ञान या अनुभव रखने वाले व्यक्तियों को राज्यसभा में नामित करने का अधिकार देता है।
उज्ज्वल निकम: न्याय के प्रति समर्पित वकील
उज्ज्वल निकम भारत के प्रमुख लोक अभियोजकों में से एक माने जाते हैं। वे 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों जैसे कई हाई-प्रोफाइल मामलों में विशेष लोक अभियोजक के रूप में कार्य कर चुके हैं। 2024 के आम चुनावों में, भाजपा ने उन्हें मुंबई उत्तर मध्य से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उन्हें कांग्रेस की वर्षा गायकवाड़ से हार का सामना करना पड़ा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निकम को बधाई देते हुए कहा, 'उज्ज्वल निकम का कानूनी क्षेत्र और संविधान के प्रति समर्पण अनुकरणीय है। उन्होंने हमेशा संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने और नागरिकों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए कार्य किया है। यह खुशी की बात है कि भारत के राष्ट्रपति ने उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया है।'
हर्षवर्धन श्रृंगला: अनुभवी राजनयिक
पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने अमेरिका, बांग्लादेश और थाईलैंड में राजदूत के रूप में कार्य किया है। उन्होंने 2023 में भारत की G20 अध्यक्षता के लिए मुख्य समन्वयक के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रधानमंत्री मोदी ने श्रृंगला को बधाई देते हुए कहा, 'हर्षवर्धन श्रृंगला ने एक राजनयिक और रणनीतिक विचारक के रूप में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उन्होंने भारत की विदेश नीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मुझे खुशी है कि उन्हें राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के लिए नामित किया गया है। उनके दृष्टिकोण संसदीय कार्यवाही को समृद्ध करेंगे।'
सी. सदानंदन मास्टर: साहस और सेवा का प्रतीक
केरल के सी. सदानंदन मास्टर एक वरिष्ठ शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जिनका भाजपा से लंबे समय से जुड़ाव रहा है। उन्होंने 2021 के विधानसभा चुनाव में भी भाग लिया था। वे 1994 में एक राजनीतिक हिंसा में बच निकलने के लिए भी जाने जाते हैं, जब उन पर हमला किया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए कहा, 'सी. सदानंदन मास्टर का जीवन साहस और अन्याय के खिलाफ खड़े होने का प्रतीक है। उनका जज्बा राष्ट्रीय विकास के प्रति अडिग है। एक शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उनके प्रयास सराहनीय हैं।'
डॉ. मीनाक्षी जैन: शिक्षा और इतिहास की विदुषी
इस सूची में प्रसिद्ध इतिहासकार और दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज की पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मीनाक्षी जैन का नाम भी शामिल है। भारतीय इतिहास में उनके कार्यों और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को व्यापक मान्यता मिली है।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'यह अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि डॉ. मीनाक्षी जैन को राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के लिए नामित किया गया है। उन्होंने विद्वान, शोधकर्ता और इतिहासकार के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। उनके कार्यों ने अकादमिक विमर्श को समृद्ध किया है।'