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राष्ट्रपति के अंगरक्षक ने 25 वर्षीय घोड़े विराट को गोद लिया

भारतीय सेना के सबसे वरिष्ठ घोड़े विराट को नया घर मिला है। राष्ट्रपति के अंगरक्षक ने उसे गोद लिया है, जो 25 साल का है और 13 गणतंत्र दिवस परेड में भाग ले चुका है। जानें इस घोड़े की अद्भुत कहानी और उसकी सेवाओं के बारे में।
 

विराट को नया घर मिला


भारतीय सेना के सबसे अनुभवी घोड़े विराट को अब नया आशियाना मिल गया है। राष्ट्रपति के अंगरक्षक ने बुधवार को उसे औपचारिक रूप से गोद लिया। 25 वर्षीय विराट सेना का सबसे वरिष्ठ घोड़ा है, जिसने 13 गणतंत्र दिवस परेड में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। उसकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उसे सेना की ओर से चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन कार्ड भी प्रदान किया गया है।


विराट को 2022 में 73वें गणतंत्र दिवस परेड के बाद रिटायर किया गया था। कमांडेंट कर्नल अमित बेरवाल के अनुसार, विराट अभी भी पूरी तरह से स्वस्थ है और युवा घोड़ों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकता है। उन्होंने बताया कि सेना के घोड़े आम घोड़ों से भिन्न होते हैं, क्योंकि वे अधिक ऊंचे और 150 से 200 किलो तक भारी होते हैं।


सेना की पशु सेवा परंपरा

#WATCH | दिल्ली | राष्ट्रपति के अंगरक्षक – भारत की सबसे प्रतिष्ठितMounted Troops और उनके घुड़सवार योद्धाओं की विरासत। राष्ट्रपति के अंगरक्षक (PBG) भारतीय सेना की सबसे वरिष्ठ रेजिमेंट है, जो अपने ऐतिहासिक वंश और सेवा के उत्कृष्ट मानकों के लिए जानी जाती है। pic.twitter.com/r0Y6xXJNP5


हमारी दोहरी भूमिका


विराट को गोद लेने की यह पहल भारतीय सेना की पशु सेवा परंपरा और उन जानवरों के प्रति सम्मान को दर्शाती है, जिन्होंने वर्षों तक सैन्य औपचारिकताओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कमांडेंट कर्नल अमित बेरवाल ने कहा कि हम राष्ट्रपति के अंगरक्षक हैं। हमारी दोहरी भूमिका महत्वपूर्ण है। युद्ध के समय हम पैराशूट फॉर्मेशन में ऑपरेशन करते हैं और शांति के समय में राष्ट्रपति के अंगरक्षक होते हैं।


#WATCH | कर्नल अमित बेरवाल, कमांडेंट, राष्ट्रपति के अंगरक्षक कहते हैं, "हम राष्ट्रपति के अंगरक्षक हैं। हमारी एक अनिवार्य दोहरी भूमिका है, जो युद्ध में पैराशूट फॉर्मेशन में ऑपरेशन करना और शांति के समय राष्ट्रपति की सुरक्षा करना है..."


इस समय, हम 26 जनवरी की रिहर्सल, बीटिंग रिट्रीट और संसद के उद्घाटन के लिए घोड़ों की पहचान कर रहे हैं। हम दिसंबर के मध्य से 40-45 दिन की रिहर्सल और प्रैक्टिस करते हैं। चुने गए घोड़े अपनी सेहत, चाल और स्वभाव के अनुसार फिट होने चाहिए।