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रावण दहन 2025: जानें आपके शहर में कब होगा रावण का दहन

विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों का दहन किया जाता है। जानें 2025 में आपके शहर में रावण दहन का सही समय क्या होगा और प्रदोष काल का महत्व क्या है। यह पर्व हमें अच्छाई को अपनाने और बुराइयों को समाप्त करने की प्रेरणा देता है।
 

रावण दहन 2025 का समय

रावण दहन 2025Image Credit source: Media House

दिल्ली में रावण दहन का समय: आज देशभर में विजयादशमी का पर्व मनाया जा रहा है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था और मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार किया था। इस दिन प्रभु श्री राम और मां दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है। दशहरे की एक प्रमुख परंपरा है प्रदोष काल में रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों का दहन करना। यह दहन न केवल बुराई के अंत का प्रतीक है, बल्कि सत्य की विजय का भी संकेत है।

रावण दहन का समय हमेशा प्रदोष काल में शुभ माना जाता है, जो सूर्यास्त के बाद होता है। हालांकि, विभिन्न शहरों में सूर्यास्त का समय भिन्न होता है, जिससे रावण दहन के समय में भी अंतर आता है। आइए जानते हैं, आपके शहर में रावण के पुतले का दहन कब होगा।

आपके शहर में रावण दहन का समय (Ravan Dahan 2025 Muhurat Citywise)

दिल्ली, नोएडा, लखनऊ, कानपुर और अन्य प्रमुख शहरों में रावण दहन का शुभ समय इस प्रकार है:

शहर का नाम रावण दहन का शुभ समय

  • नई दिल्ली 06:05 PM से 7:10 PM तक
  • नोएडा 06:05 PM से 7:10 PM तक
  • लखनऊ 06:05 PM से 7:10 PM तक
  • कानपुर 06:05 PM से 7:10 PM तक
  • जयपुर 06:16 PM से 7:10 PM तक
  • अयोध्या 05:46 PM से 7:10 PM तक
  • वाराणसी 05:45 PM से 7:10 PM तक
  • मुंबई 06:26 PM से 7:10 PM तक
  • पटना 05:36 PM से 7:10 PM तक
  • चंडीगढ़ 06:10 PM से 7:10 PM तक
  • रांची 06:39 PM से 7:10 PM तक
  • पुणे 06:22 PM से 7:10 PM तक
  • कोलकाता 05:23 PM से 7:10 PM तक
  • जम्मू 06:14 PM से 7:10 PM तक
  • देहरादून 06:02 PM से 7:10 PM तक
  • मैसूर 06:06 PM से 07:11 PM तक

प्रदोष काल का महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष काल वह समय होता है जो सूर्यास्त के बाद शुरू होता है और रात के आगमन से पहले तक रहता है। दशहरे के दिन इस समय को रावण दहन के लिए सबसे शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि रावण का वध और बुराई का नाश इसी पवित्र समय में होना चाहिए ताकि विजय का पर्व सही विधि से संपन्न हो सके।

रावण दहन का अर्थ

रावण दहन का मतलब केवल पुतलों को जलाना नहीं है, बल्कि यह हमारे भीतर की बुराइयों जैसे अहंकार, क्रोध, लोभ, ईर्ष्या और अधर्म को समाप्त करने का प्रतीक है। इस दिन लोग अपने जीवन से नकारात्मकताओं को दूर करने और अच्छाई को अपनाने का संकल्प लेते हैं। दशहरा का यह पर्व हमें यह प्रेरणा भी देता है कि चाहे अंधकार कितना भी गहरा हो, विजय हमेशा धर्म और सत्य की होती है।