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रामवीर सिंह विधूड़ी को 'शिवभारत गौरव' सम्मान से नवाजा गया

दिल्ली के सांसद रामवीर सिंह विधूड़ी को उनके छह दशकों के राजनीतिक और सामाजिक कार्यों के लिए 'शिवभारत गौरव' सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें विभिन्न संगठनों के प्रमुखों द्वारा प्रदान किया गया। इस अवसर पर स्वराज्य आंदोलन और इसके प्रेरणास्त्रोतों पर भी चर्चा की गई। विधूड़ी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1970 में की थी और उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उनके जनसंपर्क की व्यापकता भी इस मुलाकात में उजागर हुई।
 

समाजसेवी रामवीर सिंह विधूड़ी को मिला सम्मान

नई दिल्ली। दिल्ली के वरिष्ठ समाजसेवी और दक्षिण दिल्ली के सांसद रामवीर सिंह विधूड़ी को उनके छह दशकों के राजनीतिक और सामाजिक योगदान के लिए 'शिवभारत गौरव' से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें मराठा समन्वय परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश पाटील, पटेल मैत्री समिति के अध्यक्ष इंजी. आर एन राय, महासचिव पातीराम गंगवार, और इंटरनेशनल जिजाऊ ब्रिगेड के मीडिया संयोजक संयुक्ता देशमुख द्वारा प्रदान किया गया।




सांसद रामवीर सिंह विधूड़ी से यह मुलाकात 2 नवंबर को देश के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री बैरिस्टर सरदार वल्लभभाई पटेल जी की जयंती समारोह के निमंत्रण हेतु की गई थी।




1970 में विद्यार्थी आंदोलन से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले रामवीर सिंह विधूड़ी ने अपने पहले दशक में ही कैबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल किया। वह दिल्ली विधानसभा के चार बार सदस्य रहे और विपक्ष के नेता के रूप में भी कार्य किया। उन्हें एक ऐसे लोकप्रतिनिधि के रूप में जाना जाता है, जो हमेशा जनता के बीच रहते हैं और उनके साथ मेल-मिलाप करते हैं। उनके आवास पर आने वाले आगंतुकों की संख्या हमेशा 100-150 के बीच रहती है, जो उनके व्यापक जनसंपर्क को दर्शाता है।




आज की मुलाकात में सांसद से स्वराज्य आंदोलन और इसके प्रेरणास्त्रोतों पर चर्चा हुई। स्वराज्य प्रेरिका जिजाऊ माँ साहेब, स्वराज्य संकल्पक महाराज शहाजी राजे, और छत्रपती शिवाजी महाराज के योगदान पर बात की गई। 'स्वराज्य जनक परिवार' की प्रतिमा से अवगत कराते हुए बताया गया कि भारतीयों को मौलिक अधिकारों का स्वराज्य कैसे मिला। स्वराज्य निर्माण की सफलता ने भारतीयों को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने की प्रेरणा दी। यह भी बताया गया कि 1947 की स्वतंत्रता तक स्वतंत्रता सेनानियों की लंबी श्रृंखला का मूल प्रेरणा स्रोत छत्रपती शिवाजी महाराज का स्वराज्य आंदोलन था।




इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल ने सांसद रामवीर सिंह विधूड़ी को केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय द्वारा स्थापित राष्ट्रीय सहकारिता विश्वविद्यालय का नामकरण महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ राष्ट्रीय सहकारिता विश्वविद्यालय करने का निवेदन भी प्रस्तुत किया।