राम मंदिर ध्वजारोहण का अभिजीत मुहूर्त: धार्मिक महत्व और ऐतिहासिक संदर्भ
राम मंदिर में ध्वजारोहण का ऐतिहासिक अवसर
राम मंदिर, अयोध्या
अभिजीत मुहूर्त का महत्व: 25 नवंबर को अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर के शिखर पर एक महत्वपूर्ण घटना घटित होने जा रही है। इस दिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंदिर पर ‘धर्म ध्वज’ फहराया जाएगा। इस पावन कार्य के लिए चुना गया समय ‘अभिजीत मुहर्त’ है, जो पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अत्यंत शुभ माना जाता है। यह वही समय है जब भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन को युद्ध आरंभ करने का आदेश दिया था। आइए, इस विशेष मुहूर्त के महत्व और राम मंदिर के ध्वजारोहण के लिए इसके चयन के कारणों को समझते हैं।
अभिजीत मुहर्त का विशेष महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर दिन को कई शुभ और अशुभ मुहूर्तों में विभाजित किया गया है। इनमें से ‘अभिजीत मुहर्त’ को सबसे श्रेष्ठ और शक्तिशाली माना जाता है।
अर्थ: ‘अभिजीत’ का अर्थ है—जिस पर विजय प्राप्त की गई हो। यह मुहर्त सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों को समाप्त करने वाला माना जाता है।
दैनिक अवधि: यह मुहर्त आमतौर पर दिन के मध्य में आता है, यानी दोपहर के समय। इसका निर्धारण सूर्योदय और सूर्यास्त के समय के आधार पर किया जाता है।
किसी भी दिन के कुल समय (सूर्योदय से सूर्यास्त) को 15 भागों में बांटा जाता है, जिसमें से 8वां भाग अभिजीत मुहर्त कहलाता है। यह लगभग 48 मिनट का होता है।
स्वयं सिद्ध मुहर्त: इसे ‘स्वयं सिद्ध मुहर्त’ भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि यह किसी भी पंचांग, तिथि, नक्षत्र या वार के दोषों से प्रभावित नहीं होता।
कार्य सिद्धि: मान्यता है कि इस मुहर्त में शुरू किया गया कोई भी कार्य निश्चित रूप से सफल होता है। यह नए और महत्वपूर्ण कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है, जैसे गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा का आरंभ और शुभ संस्कार।
महाभारत में युद्ध का आदेश
महाभारत की कथा के अनुसार, इस मुहर्त की शक्ति का सबसे बड़ा प्रमाण महाभारत में मिलता है। जब युद्ध का समय आया, तो सभी ज्योतिषियों ने विभिन्न शुभ-अशुभ मुहर्त बताए थे।
भगवान श्रीकृष्ण का निर्णय: माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने अपनी दैवीय शक्ति से ज्योतिषीय गणना के दोषों को दूर करने के लिए अभिजीत मुहर्त को चुना और अर्जुन को इसी समय शंखनाद करके युद्ध आरंभ करने का आदेश दिया।
विजय का प्रतीक: महाभारत में पांडवों की जीत, इस मुहर्त की शक्ति और विजय दिलाने की क्षमता को सिद्ध करती है।
राम मंदिर ध्वजारोहण के लिए अभिजीत मुहर्त का चयन
श्री राम मंदिर केवल एक इमारत नहीं, बल्कि करोड़ों हिंदुओं की आस्था और सदियों के संघर्ष का प्रतीक है। ऐसे में, ध्वजारोहण के लिए अभिजीत मुहर्त का चयन अत्यंत महत्वपूर्ण है:
सर्वोच्च विजय का प्रतीक: अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना को एक लंबी कानूनी और धार्मिक संघर्ष की अंतिम विजय माना जाता है। अभिजीत मुहर्त, जो स्वयं ‘विजय’ का प्रतीक है, इस ऐतिहासिक क्षण की महत्ता को और बढ़ा देता है।
दोषों का निवारण: मंदिर निर्माण में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए यह मुहर्त सर्वोत्तम माना जाता है, जिससे रामराज्य की स्थापना निर्बाध रूप से हो सके।
राम जन्म का समय: पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्री राम का जन्म भी अभिजीत मुहर्त में हुआ था। इस कारण, उनके मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराने के लिए यह समय अत्यधिक प्रासंगिक है।