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रात में मच्छरों का काटना: जानें कैसे पहुंचते हैं ये अंधेरे में

रात के समय मच्छरों का काटना एक आम समस्या है, जो कई लोगों की नींद को प्रभावित करता है। जानें कि मादा मच्छर कैसे अंधेरे में भी इंसानों को खोज निकालती हैं। उनकी पहचान का मुख्य कारण क्या है और कौन से ब्लड ग्रुप के लोग इनसे अधिक प्रभावित होते हैं। इस लेख में हम मच्छरों के काटने के पीछे के विज्ञान को समझेंगे और इससे बचने के उपाय भी जानेंगे।
 

मच्छरों का रात में काटने का रहस्य


जैसे ही रात का समय आता है, मच्छर भिनभिनाने लगते हैं और काटने लगते हैं। मच्छरों के काटने से त्वचा पर निशान बन जाते हैं, जिससे कई लोगों की नींद खराब हो जाती है। क्या आपने कभी सोचा है कि अंधेरे में सोते समय ये मच्छर हमें कैसे खोज लेते हैं? आइए, इस सवाल का उत्तर जानते हैं।


यह जानना जरूरी है कि केवल मादा मच्छर ही इंसानों का खून चूसती हैं। उन्हें अपने अंडों के विकास के लिए खून की आवश्यकता होती है, जिससे उन्हें प्रोटीन और विटामिन मिलते हैं। मादा मच्छर अपने शरीर में एक शूड जैसी पाइप बनाकर खून चूसती हैं। लेकिन ये अंधेरे में हमें कैसे ढूंढ लेती हैं?


इसका मुख्य कारण हमारी सांस है। जब हम सांस छोड़ते हैं, तो CO2 का उत्सर्जन होता है, जिससे मच्छर हमारी ओर आकर्षित होते हैं। मादा मच्छर 30 फीट की दूरी से भी अपने सेंसिंग ऑर्गन के माध्यम से कार्बन डाइऑक्साइड का पता लगा लेती हैं और अंधेरे में भी हमारे पास पहुंच जाती हैं।


इसके अलावा, मच्छर हमारे शरीर की गर्मी और गंदगी की वजह से भी आकर्षित होते हैं। मादा मच्छर मलेरिया, डेंगू, जीका वायरस, और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का प्रसार करती हैं। शोध में यह भी पाया गया है कि मच्छर O ब्लड ग्रुप वाले लोगों की ओर अधिक आकर्षित होते हैं।