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रात में देर से खाने के स्वास्थ्य पर प्रभाव

रात में देर से खाना खाने की आदत स्वास्थ्य पर कई नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। शोध बताते हैं कि यह न केवल वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है। सही समय पर खाना खाने से जीवनशैली से संबंधित समस्याओं को कम किया जा सकता है। जानें कि रात का खाना खाने का सही समय क्या है और इसे सुधारने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए।
 

रात का खाना और स्वास्थ्य


कई शोध बताते हैं कि यदि हम अपने दैनिक दिनचर्या और खाने के समय को सही करें, तो यह कई बीमारियों को रोकने में मददगार हो सकता है। एक असंतुलित जीवनशैली हमारे मेटाबॉलिज्म और हार्मोन्स को प्रभावित करती है, जिससे कई प्रकार की पुरानी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। शोध में यह पाया गया है कि हम में से अधिकांश लोग रात में कुछ गलतियाँ कर रहे हैं, जो स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं।

हमारी दैनिक दिनचर्या में बदलाव ने हमारी नींद, जागने और खाने के समय को बदल दिया है। आजकल रात में देर से खाना खाना लोगों के बीच आम हो गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आदत आपके शरीर के लिए कई समस्याएँ पैदा कर सकती है?

यदि आप भी रात 8-9 बजे के बाद खाना खाते हैं, तो इसे सुधारें, अन्यथा यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

देर से रात का खाना खाने के कई नुकसान हो सकते हैं।

छात्रों का कहना है कि देर से रात का खाना खाने से हम देर से सोते हैं, लेकिन ऑफिस जाने के कारण हमें जल्दी उठना पड़ता है, जिससे शरीर को आवश्यक नींद नहीं मिलती। यह वजन बढ़ने और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

यदि आपकी भी आदत है कि आप हर रात 8-9 बजे के बाद खाना खाते हैं, तो सावधान रहें, क्योंकि इसके कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

रात का खाना खाने का सही समय जानने से पहले, यह जानें कि रात का खाना खाने का सही समय क्या है।

रात का खाना खाने का सही समय क्या है?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, रात के खाने के बाद अगले भोजन तक 12 घंटे का अंतर होना चाहिए। इसलिए, 7-8 बजे के बीच खाना खाना महत्वपूर्ण है, जिससे अगले भोजन, यानी सुबह के नाश्ते तक 12 घंटे का अंतर बनता है। 7-8 बजे खाना खाने और 10 बजे से पहले सोने से सर्केडियन रिदम भी ठीक रहता है। समय पर खाना और सोना कई प्रकार की जीवनशैली से संबंधित समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है।

अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, रात में देर से खाना खाने से स्वाभाविक रूप से अधिक कैलोरी का सेवन करने की संभावना बढ़ जाती है, जो सीधे वजन को प्रभावित कर सकता है।

भूख बढ़ाने वाले हार्मोन्स पर प्रभाव

शोधकर्ताओं ने पाया कि देर से खाना खाने से भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन्स - लेप्टिन और घ्रेलिन पर भी असर पड़ता है, जो हमारी खाने की इच्छा और भूख को प्रभावित करते हैं। विशेष रूप से, रात में देर से खाने की आदत लेप्टिन हार्मोन के स्तर को प्रभावित करती है, जो तृप्ति का संकेत देती है। रात में देर से खाना खाने से तृप्ति नहीं होती, जिससे कैलोरी का सेवन बढ़ सकता है, जो वजन को प्रभावित कर सकता है।

वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है।

हार्वर्ड के वैज्ञानिकों ने इस विषय पर शोध किया ताकि यह पता लगाया जा सके कि देर से खाने का शरीर के वजन पर क्या प्रभाव पड़ता है। यह पाया गया कि निर्धारित समय के चार घंटे बाद रात का खाना खाने से हमारे भूख के स्तर में महत्वपूर्ण अंतर आता है। रात में मेटाबॉलिज्म की दर स्वाभाविक रूप से धीमी हो जाती है, जिससे भोजन का पाचन देर से होता है। मेटाबॉलिज्म में समस्याओं के कारण वजन बढ़ना आम है।


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