राज्यसभा ने तीन महत्वपूर्ण विधेयकों को संयुक्त समिति को भेजा
राज्यसभा ने हाल ही में संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार (संशोधन) विधेयक, और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक को एक संयुक्त समिति को भेजने का निर्णय लिया है। इस समिति में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल होंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इन विधेयकों को पेश करते हुए विपक्ष के हंगामे के बीच प्रस्ताव रखा। विपक्ष ने इन विधेयकों को कठोर और असंवैधानिक करार दिया है। जानें इन विधेयकों की विशेषताएँ और विपक्ष की प्रतिक्रिया।
Aug 21, 2025, 14:52 IST
संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा
गुरुवार को राज्यसभा ने संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 को एक संयुक्त समिति को भेजने का निर्णय लिया। इस समिति में 21 लोकसभा और 10 राज्यसभा सदस्य शामिल होंगे, जिनका चयन क्रमशः अध्यक्ष और उपसभापति द्वारा किया जाएगा। समिति को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के अंतिम दिन अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के हंगामे के बीच प्रस्ताव रखा कि इन तीनों विधेयकों को संयुक्त समिति को सौंपा जाए। यह प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित किया गया। इससे पहले, गृह मंत्री ने भारत के संविधान में संशोधन करने के लिए संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन करने वाले विधेयक के साथ केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 को लोकसभा में पेश किया था।
संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 में उन केंद्रीय या राज्य मंत्रियों को पद से हटाने का प्रावधान है, जो भ्रष्टाचार या गंभीर अपराधों के आरोपों का सामना कर रहे हैं और कम से कम 30 दिनों तक हिरासत में रहे हैं। यह विधेयक बुधवार को लोकसभा में पेश किया गया था। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 54 में संशोधन का प्रस्ताव करता है, ताकि गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तारी या हिरासत में लिए जाने पर मुख्यमंत्री या मंत्री को पद से हटाने का कानूनी ढांचा उपलब्ध हो सके।
विपक्षी नेताओं ने इन विधेयकों में प्रस्तावित संशोधनों को "कठोर" और "असंवैधानिक" बताया है। विपक्षी सांसदों ने लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर तीनों विधेयकों की प्रतियां फाड़कर फेंकी। इन विधेयकों में उन प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्रियों को पद से हटाने का प्रावधान है, जो भ्रष्टाचार या गंभीर अपराधों के आरोपों का सामना कर रहे हैं और लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रहे हैं।