राजा की कहानी: बुजुर्गों का महत्व
एक अजीब राजा की कहानी
किसी समय की बात है, एक दूरस्थ राज्य में एक विचित्र राजा निवास करता था। वह अक्सर अपने राज्य में अजीब निर्णय लेने के लिए जाना जाता था। एक दिन, उसे यह ख्याल आया कि उसके राज्य में बहुत से वृद्ध लोग हैं। उसने सोचा कि ये बुजुर्ग न तो सेना में शामिल हो सकते हैं और न ही राज्य के विकास में कोई योगदान दे सकते हैं। अक्सर बीमार रहने के कारण, ये केवल राज्य पर बोझ बनते हैं।
राजा का कठोर निर्णय
कुछ समय बाद, राजा को अपने राज्य के बुजुर्गों की उपस्थिति खटकने लगी। उसने आदेश जारी किया कि सभी वृद्धों को राज्य छोड़ना होगा। इस आदेश का पालन सख्ती से किया गया, और सभी बुजुर्ग राज्य से चले गए। हालांकि, एक युवक अपने पिता से गहरी मोहब्बत करता था, इसलिए उसने अपने बूढ़े पिता को तहखाने में छिपा लिया और उनकी सेवा करने लगा।
अकाल और बुद्धिमान बुजुर्ग
कुछ वर्षों बाद, राज्य में भयंकर अकाल पड़ा। लोगों के पास खाने के लिए कुछ नहीं था, और बर्फ पिघलने का समय आ गया था। लेकिन किसी के पास बुआई करने के लिए बीज नहीं थे। बुद्धिमान और अनुभवी बुजुर्गों की कमी के कारण, राज्य के लोग इस संकट से बाहर निकलने का रास्ता नहीं खोज पा रहे थे।
हालांकि, तहखाने में छिपा एक बुजुर्ग अपने बेटे को संकट में देखकर सलाह देने आया। उसने कहा कि तुम बस सड़क के किनारे हल चला दो। बेटे ने अन्य लोगों को भी ऐसा करने के लिए कहा, लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं मानी। अंततः, उसने खुद ही सड़क के किनारे हल चलाना शुरू किया।
राजा का एहसास
कुछ समय बाद, बर्फ पिघल गई और जहां हल चलाया गया था, वहां पौधे उग आए। यह खबर पूरे राज्य में फैल गई। राजा ने युवक को दरबार में बुलाया और पूछा कि उसने ऐसा कैसे किया। युवक ने अपने पिता की सलाह का जिक्र किया। राजा ने फिर उस वृद्ध को बुलाया और उसने बताया कि जब किसान अनाज लाते थे, तो कुछ बीज सड़क पर गिर जाते थे।
राजा को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने समझा कि राज्य में अनुभवी बुजुर्गों का होना कितना आवश्यक है। उसने सभी बुजुर्गों को वापस बुला लिया।
कहानी से सीख
इस कहानी से यह सीख मिलती है कि जीवन में बुजुर्गों की उपस्थिति बहुत महत्वपूर्ण है। आजकल लोग अपने घर के बड़े-बुजुर्गों का सम्मान नहीं करते और उनकी सलाह को नजरअंदाज करते हैं। यह गलत है, क्योंकि वे आपके घर के सबसे अनुभवी सदस्य होते हैं। उनकी सलाह से आपको लाभ ही होगा।