राजस्थान सरकार की अरावली पर्वत श्रृंखला की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता
अरावली पर्वत श्रृंखला की सुरक्षा पर मंत्री का बयान
राजस्थान के मंत्री जोगाराम पटेल ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार अरावली पर्वत श्रृंखला की सुरक्षा और पर्यावरण की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने राजनीतिक बहस के दौरान बताया कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने पहले ही पर्वत श्रृंखला के संरक्षण के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान की है। मंत्री ने विपक्ष की आलोचनाओं को निराधार और जनता को गुमराह करने का प्रयास बताया।
पटेल ने कहा कि हम अरावली पर्वत श्रृंखला को किसी भी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचने देंगे। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने भी इस मुद्दे पर विस्तार से जानकारी दी है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह दुष्प्रचार कर रही है, जिससे उसे कोई लाभ नहीं होगा।
कांग्रेस नेताओं की चिंताएं
इस बीच, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोमवार को चेतावनी दी कि यदि अरावली पहाड़ियों पर नया आदेश लागू होता है, तो एनसीआर क्षेत्र का पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि अरावली पर्वत श्रृंखला दिल्ली, हरियाणा और आसपास के क्षेत्रों की कृषि को थार रेगिस्तान की रेत से बचाती है। खेड़ा ने मीडिया से कहा कि अगर कोई अरावली को छूता है, तो उसे इस क्षेत्र का दुश्मन माना जाएगा।
सचिन पायलट का समर्थन
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी इसी चिंता को व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी पारिस्थितिकी व्यवस्था बिगड़ जाएगी, और अरावली पर्वतमाला एनसीआर को सुरक्षा प्रदान करती है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अवैध खनन जारी रहा, तो हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए क्या छोड़ेंगे? पायलट ने बताया कि 26 तारीख को जयपुर में छात्र संघ और अन्य साथी अरावली पर्वतमाला के संरक्षण के लिए एक मार्च का आयोजन कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अरावली पहाड़ियों की केंद्र सरकार द्वारा दी गई परिभाषा को स्वीकार कर लिया है, जिसमें कहा गया है कि "इस पर्वतमाला में 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली कोई भी पहाड़ी खनन के खिलाफ सख्त नियमों के दायरे में नहीं आती है।"