राजस्थान में स्कूल भवन गिरने से बच्चों की मौत, शिक्षकों पर कार्रवाई
भयानक हादसा: स्कूल की छत गिरने से बच्चों की जान गई
राजस्थान के झालावाड़ जिले में शुक्रवार को एक प्राथमिक विद्यालय की इमारत गिरने से सात बच्चों की जान चली गई और एक दर्जन से अधिक घायल हो गए। यह घटना तब हुई जब छात्रों ने अपने शिक्षकों को छत से गिरते पत्थरों के बारे में चेतावनी दी थी, लेकिन उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया गया। एक आठवीं कक्षा के छात्र ने बताया, "बच्चों ने कहा कि छत से पत्थर गिर रहे थे, लेकिन शिक्षकों ने उनकी चेतावनी को अनसुना किया।"
यह दुर्घटना पिंपलौद के सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय में हुई, जहां कक्षा 1 से 8 तक के छात्र प्रार्थना सभा के लिए इकट्ठा हुए थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इमारत की स्थिति बेहद खराब थी। हालाँकि एक महीने पहले कुछ मरम्मत की गई थी, फिर भी दीवारें और छत खतरनाक रूप से कमजोर थीं।
घटना के बाद, पांच शिक्षकों को आपराधिक लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया। स्थानीय लोगों ने मलबे में फंसे बच्चों को निकाला और घायलों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने में मदद की। एक शोकाकुल रिश्तेदार ने कहा, "हमने पहले भी इमारत की स्थिति के बारे में शिकायत की थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।"
जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौर ने पूर्व चेतावनियों को स्वीकार किया और कहा कि जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा, "यह स्पष्ट रूप से लापरवाही थी। असुरक्षित इमारतों के उपयोग को रोकने के आदेश पहले ही जारी किए जा चुके थे।"
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ और शोक
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस घटना को "हृदय विदारक" बताते हुए जवाबदेही की मांग की। कांग्रेस ने इस घटना को लेकर भाजपा पर निशाना साधा, और राहुल गांधी ने मामले की जांच और दोषियों को सजा देने की मांग की।
यह घटना मनोहरथाना ब्लॉक के पीपलोदी सरकारी स्कूल में हुई, जहां सुबह की प्रार्थना के दौरान छठी और सातवीं कक्षा की छत गिर गई, जिससे लगभग 35 बच्चे दब गए। इस हादसे में कान्हा (छह), पायल (12), हरीश (आठ), प्रियंका (12), कुंदन (12), कार्तिक और मीना (12) की मौत हो गई।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि यह घटना "बेहद पीड़ादायक और शर्मनाक" है। उन्होंने कहा कि सरकार को बच्चों के विद्यालयों की छत की मरम्मत करनी चाहिए।
प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी इस घटना को अत्यंत दुखद बताया और कहा कि जर्जर भवन के कारण मासूमों की जान गई। उन्होंने मामले की त्वरित जांच की मांग की।