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राजस्थान में भारी बारिश से बाढ़ की स्थिति, कई बांध खोले गए

राजस्थान में हालिया भारी बारिश ने बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी है, जिससे कई जिलों में नदियाँ उफान पर हैं। मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी दी है और राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। जानें इस स्थिति के बारे में अधिक जानकारी और राहत उपायों के बारे में।
 

राजस्थान में बाढ़ जैसी स्थिति

राजस्थान में हालिया भारी बारिश ने बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न कर दिए हैं, जिससे कई जिलों में नदियाँ उफान पर हैं। मौसम विभाग ने इस बारे में जानकारी दी है। एक मौसम विभाग अधिकारी के अनुसार, पिछले 24 घंटों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश हुई है।


जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, कोटा, भीलवाड़ा, झालावाड़, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, टोंक, सिरोही, राजसमंद, पाली, बूंदी, बारां, बांसवाड़ा और अजमेर जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई है। पूर्वी राजस्थान में सबसे अधिक बारिश कोटा के रामगंज मंडी में 242 मिमी और भीलवाड़ा के जैतुरा में 235 मिमी हुई। पश्चिमी राजस्थान में पाली जिले के बाली में 88 मिमी बारिश हुई।


भविष्यवाणी और राहत कार्य

मौसम विभाग ने अजमेर, जयपुर, बीकानेर और जोधपुर संभाग के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जताई है। पिछले 24 घंटों में सवाई माधोपुर, बारां और टोंक में 150 मिमी से अधिक वर्षा हुई है।


भारी बारिश के चलते टोंक के बीसलपुर बांध के तीन गेट खोले गए हैं, जिससे 18,030 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। धौलपुर में चंबल नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 9.36 मीटर ऊपर 140.15 मीटर दर्ज किया गया है।


कोटा में पार्वती नदी का जल स्तर भी खतरे के निशान से 3.35 मीटर ऊपर है, जिसके चलते कोटा बैराज के गेट संख्या आठ और नौ को 16 फुट तक खोला गया है।


आपदा प्रबंधन की तैयारी

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर राज्य के आपदा प्रबंधन एवं राहत विभाग ने लोगों को मानसून से संबंधित हादसों से सुरक्षित रखने के लिए सक्रियता से कदम उठाए हैं।


कोटा जिले में एनडीआरएफ की एक टीम, एसडीआरएफ की तीन टीमें और नागरिक सुरक्षा के 21 स्वयंसेवक तैनात किए गए हैं। धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर और टोंक में भी एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें सक्रिय हैं।


आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों को बाढ़ से संबंधित सहायता के लिए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष टोल फ्री नंबर 1070 और जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष टोल फ्री नंबर 1077 पर संपर्क करने की सलाह दी है।