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राजस्थान में भारी बारिश का अलर्ट, 10 जिलों में स्कूलों में छुट्टी

राजस्थान में मानसून की सक्रियता के चलते भारी बारिश का सिलसिला जारी है। दौसा में 285 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि नागौर में 7 इंच बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ा। 10 जिलों में स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की गई है। मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक बारिश की संभावना जताई है। बूंदी में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, जहां कई गांव टापू बन गए। जानें और क्या कुछ हुआ इस बारिश के दौरान।
 

राजस्थान में मानसून की सक्रियता


जयपुर। राजस्थान में मानसून के सक्रिय होने से भारी बारिश का सिलसिला जारी है। रविवार को दौसा में पिछले 24 घंटों में 285 मिलीमीटर (11.4 इंच) बारिश हुई, जो राज्य में सबसे अधिक है। इसके अलावा नागौर में 173 मिलीमीटर और देह में 137 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। जयपुर में भी सुबह से बारिश का दौर शुरू हुआ, जिसमें 93 मिलीमीटर बारिश हुई।


भारी बारिश की संभावना

मौसम केंद्र के अनुसार, रविवार को जयपुर, भरतपुर, शेखावाटी, बीकानेर और अजमेर के कुछ हिस्सों में भारी से अत्यधिक बारिश हुई। सोमवार से उदयपुर, जोधपुर और दक्षिणी क्षेत्रों में भी भारी बारिश की संभावना है, जबकि कोटा में बारिश का सिलसिला कम होगा। अगले चार दिनों तक मानसून सक्रिय रहने की उम्मीद है।


स्कूलों में छुट्टी की घोषणा

बारिश को ध्यान में रखते हुए, 10 जिलों में स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी की घोषणा की गई है। जयपुर, नागौर, दौसा और बूंदी में 26 अगस्त तक, टोंक में 27 अगस्त तक, और भीलवाड़ा, अजमेर, सिरोही, करौली और उदयपुर में सोमवार को अवकाश रहेगा।


नागौर में रिकॉर्ड बारिश

नागौर जिले में रविवार सुबह हुई मूसलधार बारिश ने 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यहां सात घंटे में 7 इंच बारिश हुई, जिससे शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया और कई कॉलोनियां जलमग्न हो गईं। घरों में तीन से चार फीट तक पानी भर गया, जिससे स्थानीय निवासियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लगातार बारिश के कारण कई पुराने मकान भी ढह गए।


अजमेर में बारिश का असर

अजमेर में भी रविवार को बारिश का सिलसिला जारी रहा। सुबह चार बजे से लेकर देर शाम तक तेज बारिश और बौछारों ने शहर को भिगो दिया। कई जगहों पर सड़कों पर पानी भर गया। मौसम विभाग ने शाम 5.30 बजे तक 61.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की।


बूंदी में रेस्क्यू ऑपरेशन

बूंदी जिले के नोताडा क्षेत्र में लगातार बारिश के कारण मेज नदी के किनारे कई गांव टापू बन गए। यहां एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लोगों की मदद के लिए नावों के साथ पहुंचीं। दोपहर में 115 जवानों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और शाम तक 110 लोगों को सुरक्षित निकाला।