×

राजस्थान में जासूसी के आरोप में DRDO गेस्ट हाउस के प्रबंधक की गिरफ्तारी

राजस्थान के जैसलमेर में DRDO गेस्ट हाउस के प्रबंधक महेंद्र प्रसाद को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। सीआईडी इंटेलिजेंस ने उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से संवेदनशील जानकारी साझा करने के आरोप में पकड़ा। इस मामले में आगे की पूछताछ की जाएगी। जानें इस मामले के पीछे की पूरी कहानी और सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता के बारे में।
 

जासूसी के आरोप में गिरफ्तारी

राजस्थान के जैसलमेर में चंदन फील्ड फायरिंग रेंज के निकट स्थित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के गेस्ट हाउस में संविदा प्रबंधक महेंद्र प्रसाद को मंगलवार को सीआईडी इंटेलिजेंस ने गिरफ्तार किया। उन पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने और सीमा पार संवेदनशील जानकारी साझा करने का आरोप है।


महेंद्र प्रसाद को बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा, जहां उनकी रिमांड पर लेने की संभावना है ताकि आगे की पूछताछ की जा सके।


राजस्थान सीआईडी की सक्रियता

राजस्थान, जयपुर के पुलिस महानिरीक्षक सीआईडी (सुरक्षा) डॉ. विष्णुकांत ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस समारोह से पहले, सीआईडी इंटेलिजेंस विदेशी एजेंटों की संभावित राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों पर नजर रख रही है।


इस निगरानी के दौरान, यह पता चला कि अल्मोड़ा जिले का निवासी महेंद्र प्रसाद सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से संपर्क कर रहा था। वह डीआरडीओ के वैज्ञानिकों और भारतीय सेना के अधिकारियों की गतिविधियों के बारे में गोपनीय जानकारी पाकिस्तान में अपने आकाओं को भेज रहा था।


जांच और गिरफ्तारी

इन खुलासों के बाद, जयपुर स्थित केंद्रीय पूछताछ केंद्र में विभिन्न खुफिया एजेंसियों ने महेंद्र प्रसाद से संयुक्त रूप से पूछताछ की। उसके मोबाइल फोन की तकनीकी जांच से यह पुष्टि हुई कि वह संवेदनशील जानकारी साझा कर रहा था।


इसके परिणामस्वरूप, 12 अगस्त को महेंद्र प्रसाद के खिलाफ शासकीय गोपनीयता अधिनियम, 1923 के तहत मामला दर्ज किया गया और उसे जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया।


डीआरडीओ गेस्ट हाउस का महत्व

डीआरडीओ गेस्ट हाउस, जहां महेंद्र प्रसाद ठहरा हुआ था, भारत के रक्षा तंत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहां अक्सर पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में हथियारों और मिसाइल परीक्षणों में शामिल रक्षा वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का आना-जाना लगा रहता है।


इस क्षेत्र में सेना और वायु सेना के सक्रिय सैन्य क्षेत्र भी शामिल हैं, जो इसे एक उच्च-सुरक्षा क्षेत्र बनाते हैं।


सोशल मीडिया पर जानकारी का आदान-प्रदान