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राजस्थान में जाली मेडिकल प्रमाणपत्र के मामले में तीन गिरफ्तार

राजस्थान के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने तीन व्यक्तियों को जाली मेडिकल प्रमाणपत्र के आरोप में गिरफ्तार किया है। ये लोग सरकारी अस्पतालों में इंटर्नशिप करने के लिए फर्जी एफएमजीई प्रमाणपत्र का उपयोग कर रहे थे। जांच में पता चला कि इनमें से एक डॉक्टर ने बार-बार परीक्षा में असफल होने के बाद एक आपराधिक गिरोह की मदद से फर्जी प्रमाणपत्र बनवाए। एसओजी ने इस मामले में गहन जांच के बाद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
 

राजस्थान में मेडिकल इंटर्नशिप के लिए जाली प्रमाणपत्र का मामला

राजस्थान के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि इन पर आरोप है कि इन्होंने जाली फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन (एफएमजीई) प्रमाणपत्र का उपयोग करके सरकारी अस्पतालों में मेडिकल इंटर्नशिप की।


अतिरिक्त महानिदेशक एसओजी, विशाल बंसल ने कहा कि विदेश से मेडिकल डिग्री प्राप्त करने के बाद, तीनों व्यक्तियों ने भारत में अनिवार्य एफएमजीई परीक्षा पास नहीं की थी, फिर भी वे फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर सरकारी मेडिकल कॉलेजों में इंटर्नशिप कर रहे थे।


बंसल ने बताया कि एसओजी को सूचना मिली थी कि डॉ. पीयूष कुमार त्रिवेदी, जो दौसा के निवासी हैं, ने बार-बार एफएमजीई परीक्षा में असफल होने के बावजूद एक आपराधिक गिरोह की मदद से फर्जी प्रमाणपत्र बनवाए। इसी प्रमाणपत्र के आधार पर उसने एनएमसी से इंटर्नशिप की अनुमति प्राप्त की और उसे राजकीय मेडिकल कॉलेज, करौली में इंटर्नशिप का आवंटन भी मिला।


जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद एसओजी ने मामला दर्ज कर गहन जांच शुरू की। जांच में यह सामने आया कि डॉ. पीयूष ने जॉर्जिया से एमबीबीएस की डिग्री ली थी, लेकिन भारत में डॉक्टरी की प्रैक्टिस के लिए आवश्यक एफएमजीई परीक्षा में वह 2022, 2023 और 2024 में लगातार असफल रहा। बार-बार असफल होने के बाद उसने अपने परिचित डॉ. देवेन्द्र सिंह गुर्जर से संपर्क किया।


डॉ. देवेन्द्र ने अपने साथी डॉ. शुभम गुर्जर और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर पीयूष को 16 लाख रुपये के बदले फर्जी एफएमजीई प्रमाणपत्र और एनएमसी रजिस्ट्रेशन दिलवाया। एसओजी की जांच में यह भी पता चला कि यह गोरखधंधा केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं था।


डॉ. शुभम गुर्जर ने भी फर्जी एफएमजीई प्रमाणपत्र के आधार पर राजीव गांधी अस्पताल, अलवर में इंटर्नशिप की, जबकि डॉ. देवेन्द्र सिंह गुर्जर ने इसी गिरोह के माध्यम से नकली प्रमाणपत्र प्राप्त कर राजकीय मेडिकल कॉलेज, दौसा में अपनी इंटर्नशिप पूरी की। एसओजी ने तीनों आरोपियों, डॉ. पीयूष, डॉ. शुभम और डॉ. देवेन्द्र को गिरफ्तार कर लिया है।