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राजस्थान में ओबीसी आरक्षण के लिए जनसंवाद कार्यक्रम की शुरुआत

राजस्थान का अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग 17 नवंबर से 8 दिसंबर तक जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित करेगा। इस पहल का उद्देश्य ओबीसी समुदाय की वास्तविक स्थिति और आवश्यकताओं को समझना है, ताकि आरक्षण व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाया जा सके। आयोग नए आरक्षण प्रावधानों पर काम कर रहा है, जो चुनावों में लागू होंगे। जानें इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी।
 

ओबीसी आयोग का जनसंवाद कार्यक्रम

जयपुर। राजस्थान का अन्य पिछड़ा वर्ग (राजनैतिक प्रतिनिधित्व) आयोग 17 नवंबर से 8 दिसंबर तक राज्यभर में संभागीय स्तर पर जनसंवाद और चर्चा कार्यक्रम आयोजित करेगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य ओबीसी समुदाय की वास्तविक स्थिति, चुनौतियों और आवश्यकताओं को सीधे जनता से समझना है, ताकि आगामी आरक्षण व्यवस्था को अधिक प्रभावी और न्यायसंगत बनाया जा सके। आयोग पंचायती राज और शहरी निकायों में ओबीसी जातियों को आरक्षण देने के लिए एक नया फार्मूला तैयार कर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा। इस रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश में नए आरक्षण लागू कर चुनाव कराए जाएंगे.


आयोग के अध्यक्ष, न्यायाधीश (से.) मदनलाल भाटी ने जानकारी दी कि यह कार्यक्रम जोधपुर, उदयपुर, भरतपुर, बीकानेर, अजमेर, जयपुर और कोटा संभागों में निर्धारित तिथियों पर आयोजित किया जाएगा। इन बैठकों में आयोग के सदस्य गोपाल कृष्ण, प्रो. राजीव सक्सेना, मोहन मोरवाल, पवन मंडाविया और सचिव (सलाहकार) अशोक कुमार जैन भी शामिल होंगे.


भाटी ने बताया कि आयोग पूरी पारदर्शिता के साथ ओबीसी समाज के सभी वर्गों का अध्ययन कर रहा है और जल्द ही नए आरक्षण प्रावधानों को अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों में ओबीसी आरक्षण के लिए एक नई पद्धति विकसित की जा रही है, जिसे राज्य सरकार को अनुशंसा के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद प्रदेश में नए आरक्षण ढांचे के साथ चुनाव आयोजित किए जाएंगे.