राजस्थान में ई-चालान प्रणाली: ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई की कमी
ई-डिटेक्शन प्रणाली का उद्देश्य
राजस्थान के परिवहन विभाग ने पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ई-डिटेक्शन प्रणाली के तहत ऑनलाइन चालान की प्रक्रिया शुरू की है। हालांकि, ओवरलोड वाहनों के चालान इस प्रणाली से बाहर रखे गए हैं। इसके परिणामस्वरूप, टोल नाकों पर बिना परमिट और प्रदूषण संबंधी चालान ऑनलाइन किए जा रहे हैं, जबकि ओवरलोड वाहनों पर कोई सख्ती नहीं दिखाई जा रही है। विभाग के उड़नदस्ते ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई के लिए सड़कों पर तैनात हैं, जिससे भारी वाहनों के साथ हादसे बढ़ रहे हैं। हाल ही में राज्य में कई ऐसे घटनाएं हुई हैं।
आरटीओ उड़नदस्ते पर उठे सवाल
हाल ही में अजमेर रोड पर एक ट्रक में आग लगने की घटना ने आरटीओ उड़नदस्ते की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि एक केमिकल टैंकर ने ओवरलोड ट्रक को टक्कर मारी, जिससे आग लगी। हालांकि, विभाग की जांच में इस बात की पुष्टि नहीं हुई। 28 जून 2025 को जयपुर-आगरा हाईवे पर एक कैंटर के अचानक ब्रेक लगाने से एक कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें चार लोगों की जान चली गई।
ई-डिटेक्शन प्रणाली की कार्यप्रणाली
परिवहन विभाग ने मोटर वाहन अधिनियम के तहत नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक एनफोर्समेंट को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। यदि आपके वाहन के दस्तावेज अधूरे हैं, तो ऑनलाइन जुर्माना लगाया जाएगा और इसकी सूचना आपके मोबाइल पर भेजी जाएगी। ई-डिटेक्शन प्रणाली के तहत, राज्य में सभी टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों की जानकारी ली जाएगी और नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई की जाएगी।
हादसों में कमी की संभावना
ट्रक यूनियन के अध्यक्ष मुकेश बड़बड़वाल का कहना है कि ओवरलोड वाहनों के कारण विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं। आरटीओ उड़नदस्ते और ट्रक चालकों के बीच झगड़े की घटनाएं भी सामने आती हैं। कुछ ट्रांसपोर्ट कंपनियां ओवरलोड वाहनों का संचालन कर अन्य ट्रांसपोर्टर्स को नुकसान पहुंचा रही हैं। यदि विभाग ई-डिटेक्शन में ओवरलोड चालान को शामिल करता है, तो इससे राजस्व में वृद्धि होगी और हाईवे पर होने वाले हादसों में कमी आएगी।