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राजस्थान में आपातकाल पर विवाद: गहलोत और भजनलाल शर्मा के बयानों का टकराव

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आपातकाल को लेकर विवादास्पद बयान दिया, जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रतिक्रिया दी। गहलोत ने कहा कि कांग्रेस ने इस घटना के लिए खेद व्यक्त किया है। उपमुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा ने भी इस पर टिप्पणी की, जबकि शर्मा ने आपातकाल के दौरान लागू अलोकतांत्रिक कानूनों की आलोचना की। इस विवाद में दोनों नेताओं के बयानों के बीच राजनीतिक टकराव स्पष्ट है।
 

राजस्थान के मुख्यमंत्री का बयान

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आपातकाल को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने इस घटना के लिए सार्वजनिक रूप से खेद व्यक्त किया है। उन्होंने यह भी कहा कि वे भी इंदिरा गांधी के समर्थन में जेल गए थे। गहलोत ने भजनलाल शर्मा को नए मुख्यमंत्री के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें कई जानकारियों की कमी है, जिसके कारण वे ऐसी बातें कर रहे हैं।


गहलोत के बयान पर बैरवा की प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेता अशोक गहलोत के बयान पर राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा ने कहा कि उनकी पार्टी में पिछले पांच वर्षों से कुर्सी का खेल चल रहा था। उन्होंने सवाल किया कि भाजपा को अब कांग्रेस में क्या नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आपातकाल को लोकतांत्रिक इतिहास का 'काला धब्बा' बताते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस ने सत्ता की लालसा में देश के हित को नुकसान पहुंचाया।


आपातकाल के दौरान लागू कानूनों पर चर्चा

भजनलाल शर्मा ने कहा कि आपातकाल के दौरान तत्कालीन सरकार ने आंतरिक सुरक्षा कानून (मीसा) और भारत रक्षा अधिनियम (डीआईआर) जैसे अलोकतांत्रिक कानूनों को लागू किया, जिससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की आजादी का दमन हुआ। उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों के संघर्ष की सराहना की, जिन्होंने संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए कठिनाइयों का सामना किया। शर्मा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र और संविधान को मजबूत करने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।