राजस्थान में 78वें सेना दिवस परेड का आयोजन, मुख्यमंत्री ने दी बधाई
सेना दिवस का महत्व
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को कहा कि सेना दिवस भारत के गौरवमयी इतिहास, सम्मान और आत्मसम्मान का प्रतीक है। यह दिन हमें सेना के अद्वितीय साहस, कठोर अनुशासन, अपार बलिदान और अटूट राष्ट्रभक्ति को सम्मानित करने का अवसर प्रदान करता है।
जयपुर में 78वें सेना दिवस परेड की मेजबानी
उन्होंने बताया कि इस वर्ष 78वें सेना दिवस परेड का आयोजन जयपुर में 2026 में किया जाएगा। शर्मा ने यहां 78वें सेना दिवस परेड के संयुक्त कर्टन रेजर कार्यक्रम में भाग लिया।
परेड का आयोजन
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परेड सैन्य छावनी की सीमाओं से बाहर, जगतपुरा के महल रोड पर आम जनता के बीच आयोजित की जाएगी। यह आयोजन भारतीय सेना और नागरिकों के बीच विश्वास, जुड़ाव और सम्मान को और मजबूत करेगा।
परेड में प्रदर्शन
इस परेड में लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों की 'फ्लाई-पास्ट' टुकड़ियों का प्रदर्शन, ड्रोन तकनीक और आधुनिक युद्ध क्षमताओं का प्रदर्शन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय सेना ने 1947-48 से लेकर 1965, 1971 के भारत-पाक युद्धों और 1999 के कारगिल युद्ध तक हर चुनौती का साहस और संकल्प के साथ सामना किया है।
राजस्थान की वीरता
उन्होंने कहा कि राजस्थान की भूमि वीरता की प्रतीक है, जहां के हर कण में शौर्य और बलिदान की कहानियां बसी हुई हैं। इस अवसर पर सप्त शक्ति कमांड के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने अपने अदम्य साहस और बहादुरी से पहाड़ों से लेकर रेगिस्तान तक देश की सीमाओं की रक्षा की है।
आंतरिक सुरक्षा में योगदान
उन्होंने यह भी कहा कि सेना ने आतंकवाद और नक्सलवाद से मुकाबला कर देश की आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित किया है। प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, भूकंप और तूफान में भी सेना हमेशा नागरिकों की सहायता के लिए तत्पर रही है।
वीरांगनाओं का सम्मान
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कीर्ति चक्र से सम्मानित (मरणोपरांत) नायक मेघ राज सिंह, सेना मेडल से सम्मानित (मरणोपरांत) हवलदार राम सिंह शेखावत और (मरणोपरांत) लांस नायक बंशीधर यादव की वीरांगनाओं का सम्मान किया। इसके साथ ही सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर जीवन राजपुरोहित, सूबेदार अर्जुन सिंह राठौर और हवलदार मदन सिंह काजला को भी सम्मानित किया गया।