राजस्थान पुलिस की चेतावनी: नकली QR कोड से बचने के उपाय
नकली QR कोड से सावधान रहें
यदि आप किसी दुकान पर सामान खरीदते समय QR कोड के माध्यम से भुगतान कर रहे हैं, तो सतर्क रहिए। राजस्थान पुलिस ने साइबर ठगी के एक नए तरीके के बारे में चेतावनी दी है। अपराधी अब दुकानों पर असली QR कोड के स्थान पर नकली QR कोड चिपका रहे हैं, जिससे आपके द्वारा दुकानदार को दिया गया पैसा सीधे जालसाजों के खाते में चला जाता है। एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार ने बताया कि इस संबंध में राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच ने एडवाइजरी नंबर 10/2025 जारी की है, जिसमें लोगों और व्यापारियों को इस ठगी से बचने के उपाय बताए गए हैं।
कैसे हो रही है यह ठगी
आजकल, हम सभी पेटीएम, फोनपे, गूगल पे जैसे एप्स का उपयोग करके QR कोड स्कैन करके दुकानों पर भुगतान करते हैं। अपराधी इस प्रक्रिया का फायदा उठा रहे हैं। वे चालाकी से अपने द्वारा बनाए गए नकली QR कोड को दुकानदारों के असली QR कोड पर चिपका देते हैं। जब आप सामान खरीदने के बाद इस फर्जी QR कोड को स्कैन करते हैं, तो पैसे दुकानदार के पास नहीं पहुंचते, बल्कि सीधे जालसाजों के बैंक खाते में चले जाते हैं। दुकानदार को तब पता चलता है जब उसे भुगतान का संदेश नहीं मिलता, लेकिन तब तक ग्राहक जा चुका होता है।
सुरक्षित रहने के उपाय
राजस्थान पुलिस ने दुकानदारों और आम जनता को इस धोखाधड़ी से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।
क्यूआर कोड को सुरक्षित स्थान पर रखें: अपने दुकान के QR कोड को ऐसी जगह रखें, जहां कोई आसानी से इसे बदल न सके।
रात में हटाएं: दुकान बंद करते समय QR कोड को सुरक्षित तरीके से अंदर रखें।
नियमित रूप से जांचें: समय-समय पर अपने QR कोड की जांच करें कि उस पर कोई और QR कोड तो नहीं चिपका है।
भुगतान होते ही जांचें: भुगतान प्राप्त होने के बाद तुरंत अपने फोन या बैंक खाते की जांच करें।
शिकायत दर्ज करने का तरीका
यदि आप इस प्रकार की धोखाधड़ी का शिकार होते हैं या कुछ संदिग्ध देखते हैं, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
साइबर हेल्पलाइन नंबर: 1930
साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल: https://cybercrime.gov.in
आपका नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर पुलिस स्टेशन।
राजस्थान पुलिस ने सभी से सतर्क रहने और इन सावधानियों का पालन करने की अपील की है।