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राजस्थान के गांव में गर्भवती पत्नी के लिए दूसरी शादी का अजीब रिवाज

राजस्थान के बाड़मेर जिले के देरासर गांव में एक अनोखी परंपरा है, जहां पति गर्भवती पत्नी को छोड़कर दूसरी शादी करने की सोचते हैं। यह प्रथा पानी की कमी और घर की जिम्मेदारियों से जुड़ी है। जानें इस चौंकाने वाली परंपरा के पीछे की वजहें और कैसे यह प्रथा आज भी जारी है।
 

गर्भवती पत्नी और दूसरी शादी का अनोखा रिवाज


जब पत्नी गर्भवती होती है, तो आमतौर पर पति उसकी देखभाल करता है और उसे खुश रखने की कोशिश करता है। लेकिन राजस्थान के बाड़मेर जिले के देरासर गांव में एक अलग ही परंपरा है। यहां, जब पत्नी गर्भवती होती है, तो पति दूसरी शादी करने की सोचने लगता है। यह सुनकर आप चौंक सकते हैं, लेकिन यह सच है।


राजस्थान के कुछ हिस्सों में, जब बहू गर्भवती होती है, तो पति दूसरी पत्नी की तलाश में निकल पड़ता है। यह स्थिति इतनी गंभीर है कि लड़कियों को शादी के पहले दिन से ही इस बात का पता होता है कि एक दिन उनकी सौतन आएगी।


हालांकि, भारत में कई कुरीतियों का अंत हो चुका है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में यह प्रथा अब भी जारी है। यहां यह मान्यता है कि हर शादीशुदा पुरुष को पिता बनने से पहले दूसरी शादी करनी चाहिए। यह प्रथा सबसे पहले बाड़मेर के देरासर गांव में शुरू हुई।


इस गांव में पानी की कमी इतनी गंभीर है कि महिलाओं को कई मीलों तक पानी लाने के लिए भटकना पड़ता है। लड़कियों को बचपन से ही पानी लाने की ट्रेनिंग दी जाती है। गर्भवती होने पर, महिलाओं के लिए यह कार्य और भी कठिन हो जाता है। इसलिए, पति दूसरी पत्नी लाकर पानी लाने की जिम्मेदारी उसे सौंप देता है।


सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2011 की जनगणना में देरासर की जनसंख्या 596 थी, जिसमें 309 पुरुष और 287 महिलाएं थीं।


राजस्थान के अलावा, महाराष्ट्र में भी कई गांव हैं जहां बहुविवाह की प्रथा प्रचलित है। यहां पत्नियों को पानी लाने में कई घंटे लग जाते हैं। महाराष्ट्र में लगभग 19,000 गांव हैं, जहां दूसरी पत्नियों को 'वाटर वाइव्स' कहा जाता है।


एक और गांव, देंगनमल, में पुरुष तीन शादियां कर सकते हैं। यहां यह तर्क दिया जाता है कि एक पत्नी बच्चों और घर की देखभाल करे, जबकि अन्य पत्नी पानी लाने का काम करें। कई बार, दूसरी पत्नियां पहले पति की विधवा होती हैं।


हालांकि, इस प्रथा को रोकने के लिए अधिकारी भी असमर्थ हैं। यहां बहुविवाह की अनुमति पहली या दूसरी पत्नी की सहमति से होती है, जिससे अधिकारी भी खुद को असहाय महसूस करते हैं।