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राजकोट में बाल श्रम के खिलाफ कार्रवाई: 21 लोग मुक्त

गुजरात के राजकोट में नकली आभूषण बनाने वाली इकाइयों से 21 लोगों को मुक्त किया गया, जिनमें 16 बाल श्रमिक शामिल हैं। इन श्रमिकों को 10 घंटे से अधिक काम करने के लिए मजबूर किया जाता था और उन्हें शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ता था। पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
 

राजकोट में बाल मजदूरी का मामला

राजकोट, गुजरात में नकली आभूषण बनाने वाली दो अस्थायी इकाइयों से 21 व्यक्तियों को मुक्त किया गया, जिनमें पश्चिम बंगाल के 16 बाल श्रमिक भी शामिल हैं। इन बच्चों और अन्य श्रमिकों को 10 घंटे से अधिक काम करने के लिए मजबूर किया जाता था और उन्हें मालिक द्वारा शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ता था।


पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी की पहचान अजीतमौला अजमतमौला के रूप में हुई है, जो पूर्वी बर्दवान, पश्चिम बंगाल का निवासी है। उसे 6 जून को छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया।


राजकोट के सहायक पुलिस आयुक्त भरत बसिया ने जानकारी दी कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 118 (हमला) और 146 (जबरन श्रम) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा, किशोर न्याय अधिनियम और बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम की धाराएं भी शामिल की गई हैं।


चिकित्सा जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी ने कुछ नाबालिगों के साथ मारपीट की थी। एक मामले में, एक बच्चे के मलाशय में वस्तु डालने की पुष्टि के बाद, पुलिस ने पॉक्सो अधिनियम की धाराएं भी प्राथमिकी में जोड़ी हैं।


बसिया ने बताया कि विशेष सूचना के आधार पर राजकोट पुलिस ने शुक्रवार की सुबह मोरबी रोड पर एक घर पर छापा मारा, जहां 14 नाबालिग लड़के और 5 युवा वयस्क पाए गए। उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्हें नकली आभूषण बनाने के लिए प्रतिदिन 10 घंटे से अधिक काम करना पड़ता था।