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राजकोट कोर्ट ने तीन युवकों को जिहादी गतिविधियों के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई

राजकोट की अदालत ने तीन युवकों को जिहादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इन युवकों पर सरकार के खिलाफ साजिश करने और युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का आरोप था। अदालत ने प्रत्येक पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। एटीएस ने इन्हें जुलाई में गिरफ्तार किया था, जब वे एक नकली आभूषण कारखाने में काम कर रहे थे। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अदालत के फैसले के पीछे की कहानी।
 

राजकोट में जिहादी गतिविधियों के आरोप में सजा

पश्चिम बंगाल के तीन युवकों को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा


राजकोट की अदालत ने बुधवार को तीन युवकों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इन पर आरोप था कि इन्होंने सरकार के खिलाफ साजिश रची और जिहादी प्रचार के माध्यम से युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का प्रयास किया। अदालत ने प्रत्येक आरोपी पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।


सजा पाए युवकों की पहचान अमन सिराज मलिक (23), अब्दुल शकूर अली शेख (20), और शफनवाज अबू शाहिद (23) के रूप में हुई है। अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया है।


जुलाई में हुई गिरफ्तारी


गुजरात एटीएस ने इन युवकों को जुलाई 2023 में गिरफ्तार किया था। उन्हें सूचना मिली थी कि ये राजकोट के सोनी बाजार में एक नकली आभूषण कारखाने में काम कर रहे थे और एक स्थानीय मस्जिद से जिहादी प्रचार कर रहे थे। एटीएस ने बताया कि ये आरोपी बांग्लादेश के अलकायदा के हैंडलर के संपर्क में थे।


खुफिया जानकारी के आधार पर, एटीएस ने दो आरोपियों को राजकोट रेलवे स्टेशन से और एक को एक रिहायशी इमारत से पकड़ा। उनके पास से एक देसी पिस्तौल, कारतूस और अन्य संदिग्ध सामान बरामद किया गया।


एन्क्रिप्टेड ऐप का उपयोग


गिरफ्तारी के बाद, एटीएस ने बताया कि आरोपी बांग्लादेशी हैंडलर से एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप के माध्यम से संपर्क करते थे। इस ऐप के जरिए उन्हें निर्देश दिए जाते थे। हैंडलर ने उन्हें 'जिहाद' और 'हिजरत' के लिए प्रेरित किया और अन्य लोगों को भी इस विचारधारा में शामिल होने के लिए कहा।


अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपियों के पास से जब्त किए गए मोबाइल, रिवॉल्वर और कारतूस यह दर्शाते हैं कि वे राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलग्न थे।