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राज ठाकरे का चेतावनी भरा बयान: मुंबई चुनाव को लेकर चिंता व्यक्त की

राज ठाकरे ने मुंबई में कोंकण महोत्सव के दौरान आगामी महानगरपालिका चुनाव को लेकर गंभीर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यह मराठी लोगों के लिए आखिरी चुनाव हो सकता है और मतदाता सूची की सत्यता पर ध्यान देने की आवश्यकता है। ठाकरे ने मनसे और शिवसेना के बीच संभावित गठबंधन की चर्चा की, जबकि कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। इस राजनीतिक हलचल के बीच, ठाकरे ने लापरवाह रहने के खिलाफ चेताया है। जानें इस महत्वपूर्ण चुनावी परिदृश्य के बारे में और अधिक जानकारी।
 

राज ठाकरे का चुनावी अलार्म

मनसे प्रमुख राज ठाकरे

महाराष्ट्र में नगर परिषद और पंचायत चुनावों के बाद नगर निगम चुनावों की संभावना बढ़ गई है। इस चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में हलचल मची हुई है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नेता राज ठाकरे ने रविवार को मुंबई में कोंकण महोत्सव के दौरान चुनाव आयोग और देवेंद्र फडणवीस की सरकार पर तीखा हमला किया।

राज ठाकरे ने कहा, “राज दुश्मनों की है, बेपरवाह मत होइए, अपने आस-पास नजर रखिए। जिस तरह से राजनीति चल रही है, मतदाता सूची में क्या चल रहा है, इस पर ध्यान दें। क्या मतदाता असली हैं या नकली? यह महत्वपूर्ण है। मराठी लोगों के लिए, यह आगामी मुंबई महानगरपालिका चुनाव आखिरी चुनाव होगा। अगर हम लापरवाह रहे, तो महानगरपालिका हमारे हाथ से निकल जाएगी। इसलिए सजग रहिए, अगर मुंबई हमारे हाथ से निकल गई, तो ये लोग हंगामा मचा देंगे।”


मनसे और शिवसेना के बीच संभावित गठबंधन

मनसे और शिवसेना ठाकरे गुट गठबंधन की संभावना

मुंबई महानगरपालिका चुनाव में मनसे और शिवसेना ठाकरे गुट के बीच गठबंधन की संभावनाएं बढ़ रही हैं। चुनाव के संदर्भ में दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत चल रही है। दूसरी ओर, कांग्रेस ने मनसे के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया है, जिससे महा विकास अघाड़ी में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। हालांकि, राष्ट्रवादी शरद पवार गुट के अध्यक्ष शरद पवार मनसे के साथ गठबंधन के लिए सकारात्मक नजर आ रहे हैं.


कांग्रेस का अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय

कांग्रेस अकेले लड़ेगी बीएमसी चुनाव

इस बीच, कांग्रेस ने मुंबई निकाय चुनाव अकेले लड़ने का निर्णय लिया है। इस फैसले से उद्धव ठाकरे खेमे में हलचल मच गई है। उद्धव ने कांग्रेस आलाकमान से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। हालांकि, महाराष्ट्र कांग्रेस अपने फैसले पर अडिग है। इसके पीछे मनसे का गठबंधन करने की संभावना बताई जा रही है, जिससे कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।