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राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने मतदाता सूची में हेरफेर के आरोप लगाए

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना के उद्धव ठाकरे ने मतदाता सूची में हेरफेर के आरोप लगाए हैं। दोनों नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं से फर्जी मतदाताओं की पहचान के लिए मतदाता सूची की जांच करने का निर्देश दिया। यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्षी दल भी मतदाता सूचियों में हेरफेर के आरोप लगा रहे हैं। जानें इस मुद्दे पर दोनों नेताओं की क्या राय है और आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में गठबंधन की संभावनाएं क्या हैं।
 

राजनीतिक गठबंधन की अटकलें और वोट चोरी का मुद्दा

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे और उनके चचेरे भाई उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के बीच संभावित गठबंधन की चर्चाओं के बीच, दोनों नेताओं ने 'वोट चोरी' के मुद्दे को उठाया। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से फर्जी मतदाताओं की पहचान के लिए मतदाता सूची की जांच करने का निर्देश दिया।


यह बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और अन्य विपक्षी दल भी मतदाता सूचियों में हेरफेर के आरोप लगा रहे हैं। पिछले साल हुए 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना (उबाठा) ने 20 सीटें जीती थीं, जबकि मनसे को कोई सीट नहीं मिली।


शिवसेना (उबाठा) ने कांग्रेस और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। राज्य में होने वाले आगामी स्थानीय निकाय चुनाव, विशेषकर बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के चुनाव को लेकर शिवसेना (उबाठा) और मनसे के बीच गठबंधन की संभावनाएं बढ़ रही हैं।


उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव के बाद मतदाता सूची में 40 से 42 लाख नए मतदाता जोड़े गए थे। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से फर्जी मतदाताओं की पहचान के लिए मतदाता सूची की जांच करने का आग्रह किया।


उन्होंने कहा, 'जांच करें कि आपके वार्ड में वोट की चोरी तो नहीं हो रही है। मतदाता सूची की जांच करें और सुनिश्चित करें कि हर व्यक्ति के पास केवल एक ही वोट हो।' महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मतदान के दिन 'फर्जी मतदान' की घटनाएं होती हैं, जहां एक ही मतदाता के नाम पर कई बार मतदान किया जाता है।


मनसे के अध्यक्ष राज ठाकरे ने शनिवार को पुणे में कहा कि वह 2016 से 'वोट चोरी' के मुद्दे को उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी और भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने मतदाता सूची में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था, तब निर्वाचन आयोग को इसकी जांच करनी चाहिए थी। मनसे प्रमुख ने अपने कार्यकर्ताओं से मतदाता सूचियों की सावधानीपूर्वक जांच करने का भी अनुरोध किया।