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राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की मुलाकात: महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़

राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के 65वें जन्मदिन पर मातोश्री का दौरा किया, जो दोनों नेताओं के बीच संबंधों में सुधार का संकेत है। इस मुलाकात के राजनीतिक मायने महत्वपूर्ण हैं, खासकर आगामी चुनावों के संदर्भ में। दोनों नेताओं ने हाल ही में एक सार्वजनिक रैली में एक साथ भाग लिया, जहां उन्होंने मराठी अस्मिता के मुद्दे पर एकजुटता दिखाई। यह मुलाकात महाराष्ट्र की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत का संकेत दे सकती है।
 

राज ठाकरे का मातोश्री दौरा

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता राज ठाकरे ने रविवार को अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के 65वें जन्मदिन के अवसर पर मातोश्री का दौरा किया। यह मुलाकात दोनों नेताओं के बीच तनाव कम होने और संबंधों में सुधार का संकेत मानी जा रही है।


मुलाकात में शामिल लोग

राज ठाकरे के साथ मनसे के वरिष्ठ नेता बाला नंदगांवकर और नितिन सरदेसाई भी उपस्थित थे। मातोश्री के अंदर, राज और उद्धव ने स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर के साथ एक संयुक्त तस्वीर खिंचवाई। मनसे प्रमुख ने बालासाहेब ठाकरे की प्रतिष्ठित कुर्सी पर आशीर्वाद लेकर उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की।


राज-उद्धव की मुलाकात के राजनीतिक मायने

इस मुलाकात के कई राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं, खासकर जब महाराष्ट्र में चुनावों की तैयारियां तेज हो रही हैं। राज ठाकरे ने आखिरी बार 2012 में बालासाहेब ठाकरे के अंतिम दिनों में मातोश्री का दौरा किया था। इसके बाद, उन्होंने जनवरी 2019 में अपने बेटे अमित ठाकरे की शादी में उद्धव और उनके परिवार को आमंत्रित करने के लिए एक संक्षिप्त यात्रा की थी।


संयुक्त रैली का महत्व

यह मुलाकात हाल ही में मुंबई में एक सार्वजनिक रैली में दोनों नेताओं की संयुक्त उपस्थिति के बाद हुई है। इस महीने की शुरुआत में, दोनों चचेरे भाइयों ने लगभग 20 वर्षों में पहली बार एक राजनीतिक मंच साझा किया था। इस रैली में उन्होंने मराठी अस्मिता और हिंदी भाषा को 'थोपे जाने' के खिलाफ एक साथ आवाज उठाई थी। उद्धव ठाकरे ने आगामी नगर निगम चुनावों में साथ मिलकर लड़ने की संभावना का भी संकेत दिया।


भविष्य की संभावनाएं

विजयी सभा में उद्धव ठाकरे ने कहा, 'हम एक साथ रहने के लिए आए हैं, हम मराठी की रक्षा के लिए एकजुट हुए हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि उनका साथ आना केवल एक ट्रेलर है, जो भविष्य में संभावित गठबंधन की ओर इशारा करता है। राज ठाकरे ने भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की प्रशंसा की, जिन्होंने उन्हें और उद्धव को एक साथ लाने का कार्य किया।


आगामी चुनावों की रणनीति

उद्धव ठाकरे ने आगामी 29 नगर निगम चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि वह और राज मिलकर मुंबई नगर निगम और महाराष्ट्र की कमान संभालेंगे। इससे पहले, नासिक जिले के इगतपुरी में मनसे के सम्मेलन के दौरान, राज ठाकरे ने सदस्यों को बताया कि शिवसेना (यूबीटी) के साथ संभावित गठबंधन का निर्णय 'उचित समय' पर लिया जाएगा।


राज ठाकरे का राजनीतिक सफर

राज ठाकरे ने 2006 में शिवसेना से अलग होकर मनसे की स्थापना की थी। तब से, दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक और व्यक्तिगत दूरियां बढ़ती गई हैं। अब, यह मुलाकात और सार्वजनिक मंच पर उनकी एकजुटता, महाराष्ट्र की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत का संकेत दे सकती है।