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रहीम के दोहे: छुपाने योग्य सात बातें

रहीम जी के दोहे आज भी लोगों के बीच लोकप्रिय हैं। इन दोहों के माध्यम से हमें जीवन की कई महत्वपूर्ण बातें सीखने को मिलती हैं। इस लेख में, हम जानेंगे उन सात बातों के बारे में जो कभी छुपाई नहीं जा सकतीं, जैसे सेहत, खुशी, प्रेम और नशा। रहीम जी के शब्दों में छिपा ज्ञान आज भी प्रासंगिक है।
 

रहीम जी के दोहे का महत्व


रहीम जी के दोहे अत्यंत प्रसिद्ध हैं और इनके माध्यम से हमें जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलुओं का ज्ञान मिलता है। आज भी लोग इनकी रचनाओं का आनंद लेते हैं। रहीम जी मुग़ल सम्राट अकबर के दरबार में एक महत्वपूर्ण मंत्री थे, जिन्हें नवरत्नों में से एक माना जाता था।


सात बातें जो छुपाई नहीं जा सकतीं


रहीम जी ने अपने एक दोहे में सात ऐसी बातें बताई हैं, जिन्हें छुपाना संभव नहीं है। आइए जानते हैं ये बातें कौन-कौन सी हैं।


रहीम का दोहा

खैर, खून, खांसी, खुशी, बैर, प्रीति, मदपान।
रहिमन दाबे न दबै, जानत सकल जहान॥


दोहे का अर्थ

खैर



इस दोहे में पहली बात जो बताई गई है, वह है सेहत। जब किसी की सेहत खराब होती है, तो यह बात सबको पता चल जाती है। रहीम जी के अनुसार, बीमारी को छुपाना संभव नहीं है।


कत्ल



दूसरी बात जो छुपाई नहीं जा सकती, वह है हत्या। किसी का कत्ल करने पर, एक दिन यह गुनाह सामने आ ही जाता है।


खांसी



तीसरी बात है खांसी। जब किसी को खांसी होती है, तो यह बात आसानी से सबको पता चल जाती है।


खुशी



खुशी भी एक ऐसी भावना है, जो चेहरे पर झलकती है। जब आप खुश होते हैं, तो यह बात छुपाना मुश्किल होता है।


बैर भाव



अगर किसी को आप पसंद नहीं करते हैं, तो यह बात भी छुपाई नहीं जा सकती।


प्रीति



प्रेम भी एक ऐसी भावना है, जिसे छुपाना संभव नहीं। जब आप किसी से प्रेम करते हैं, तो यह बात जाहिर हो जाती है।


मदपान



जो लोग नशा करते हैं, उनकी आदत भी एक दिन सबको पता चल जाती है।