रविचंद्रन अश्विन ने गेंदबाजों का बचाव किया, बल्लेबाजों की भूमिका पर उठाए सवाल
भारत की पहली टेस्ट हार के बाद अश्विन का बयान
लीड्स में भारत की पहली टेस्ट हार के बाद, जहां इंग्लैंड ने चौथे पारी में 370 रन का रिकॉर्ड लक्ष्य हासिल किया, रविचंद्रन अश्विन ने गेंदबाजों का बचाव किया। उन्होंने उन आलोचकों पर प्रतिक्रिया दी, जो सभी समस्याओं का दोष केवल गेंदबाजी इकाई पर डाल रहे थे।
अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए, अश्विन ने कहा कि मैच के बाद की चर्चा जल्दी ही इस बात पर केंद्रित हो गई कि गेंदबाजों ने खेल नहीं जीता, जबकि बल्लेबाजों के प्रदर्शन का कोई उल्लेख नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि बल्लेबाजों का योगदान भी हार में समान रूप से महत्वपूर्ण था।
गेंदबाजों पर ध्यान केंद्रित करना
अश्विन ने कहा, "जब 370 का लक्ष्य हासिल किया गया, तो सब कुछ गेंदबाजों की हार के बारे में हो गया।" उन्होंने यह भी कहा कि यदि थोड़ी संदर्भ दिया जाए, तो लोग समझेंगे कि इंग्लैंड में चौथे पारी में बड़े लक्ष्यों का पीछा करना हाल के समय में एक प्रवृत्ति बन गई है।
उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों द्वारा बनाए गए पांच शतकों का उल्लेख किया, लेकिन यह भी कहा कि टीम निचले क्रम में गिरावट से प्रभावित हुई, जिसने उनकी संभावनाओं को बाधित किया।
बल्लेबाजों की जिम्मेदारी
अश्विन ने कहा, "हमारे बल्लेबाजों ने रन बनाए, लेकिन मैच जीतने वाले बड़े स्कोर कहां हैं? हमें निचले क्रम से रन की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा कि तेज गेंदबाजों का बल्लेबाजी में योगदान नहीं होता, इसलिए शीर्ष और मध्य क्रम को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
गेंदबाजी रणनीति पर विचार
अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में गेंदबाजी रणनीति पर भी चर्चा की, यह कहते हुए कि केवल विकेट लेने पर ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहिए, खासकर जब यह रन देने की कीमत पर हो।
उन्होंने कहा, "टेस्ट क्रिकेट में मेडन ओवरों की कीमत कम आंकी जाती है।" उन्होंने यह भी कहा कि यदि गेंदबाजों की अर्थव्यवस्था दर अधिक है, तो नियंत्रण खो जाता है, जो लंबे समय में नुकसान पहुंचाता है।
भारत की वापसी की उम्मीद
भारत दूसरे टेस्ट में वापसी की उम्मीद कर रहा है, और अश्विन के शब्दों को याद रखना चाहिए कि टेस्ट जीत बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में संतुलन पर निर्भर करती है।