रत्नापुर गांव की महिलाओं ने शराब बिक्री के खिलाफ उठाई आवाज
महिलाओं का गुस्सा फूटा
बुरहानपुर। रत्नापुर गांव में अवैध शराब बिक्री के खिलाफ महिलाओं का गुस्सा आखिरकार सामने आ गया। मंगलवार को पचास से अधिक महिलाएं कलेक्ट्रेट पहुंचीं और जन सुनवाई में आवेदन देकर गांव में शराब के विक्रय पर रोक लगाने की मांग की।
परिवारों पर पड़ रहा असर
गांव की शर्मिला बाई और अन्य महिलाओं ने बताया कि शराब के कारण कई महिलाएं अपने पतियों को छोड़कर मायके जा चुकी हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि कुछ महिलाएं खुद भी गांव छोड़ने पर विचार कर रही हैं। शराब के प्रभाव से गांव का माहौल बिगड़ गया है और झगड़े आम हो गए हैं।
आबादी और अवैध कारोबार
नेपानगर तहसील के इस गांव में लगभग 550 लोग रहते हैं और 150 से अधिक घर हैं। कुछ लोग कोरकू समाज से संबंधित हैं और अवैध शराब के कारोबार में शामिल हैं। महिलाओं ने आबकारी अधिकारी को भी एक आवेदन देकर इस अवैध गतिविधि पर रोक लगाने की अपील की है।
बिजली बिलों की समस्या
शहर के आधा दर्जन पार्षदों और उपभोक्ताओं ने मंगलवार को बिजली के बढ़ते बिलों के खिलाफ जन सुनवाई में शिकायत की। चंद्रकला वार्ड के पार्षद आरिफ खान ने बताया कि सौ यूनिट तक की खपत होने पर भी उपभोक्ताओं को 800 से 1700 रुपये तक का बिल भेजा जा रहा है।
अधिकारियों के तबादले की मांग
बजरंग सेना के जिलाध्यक्ष अनिल महाजन ने शिकायत की है कि कई अधिकारी दस साल से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं। उन्होंने खाद्य सुरक्षा और अन्य विभागों में अधिकारियों के स्थानांतरण की मांग की है।
फसल को नुकसान
खकनार तहसील के नांदुरा खुर्द निवासी शेख मूसा ने शिकायत की है कि कैलाश बाबू ने उसकी फसल के पास से गुजरने वाली नहर को तोड़कर पानी अपने खेत में divert कर लिया है, जिससे उसकी मक्का फसल को नुकसान हुआ है।