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रतन टाटा की सौतेली बहनों को कोर्ट से बड़ा झटका

बॉम्बे हाई कोर्ट ने रतन टाटा की सौतेली बहनों को उनकी संपत्ति में हिस्सेदारी नहीं देने का फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि रतन टाटा की लिस्टेड और अनलिस्टेड कंपनियों में हिस्सेदारी उनकी दो फाउंडेशनों को दी जाएगी। यह निर्णय तब आया जब संपत्ति के प्रशासकों ने कोर्ट से मार्गदर्शन मांगा। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की पृष्ठभूमि।
 

बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला

रतन टाटा की सौतेली बहनों को हाल ही में एक बड़ा झटका लगा है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि रतन टाटा की लिस्टेड और अनलिस्टेड कंपनियों में हिस्सेदारी उनकी दो फाउंडेशनों को दी जाएगी, न कि उनकी सौतेली बहनों को। यह जानकारी टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा दी गई है, जिसमें बताया गया है कि यह स्पष्टीकरण तब आया जब टाटा की संपत्ति के प्रशासकों ने कोर्ट से पूछा कि दिवंगत उद्योगपति का इक्विटी पोर्टफोलियो किसे सौंपा जाएगा?


वसीयत की प्रक्रिया का मार्ग प्रशस्त

हाल ही में कोर्ट ने इस मामले में आदेश जारी किया, जिससे टाटा की वसीयत की कानूनी प्रक्रिया का रास्ता साफ हो गया है। इस प्रक्रिया के एक महीने के भीतर पूरी होने की उम्मीद है।


किसे मिलेगी हिस्सेदारी?

कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि रतन टाटा की कंपनियों में हिस्सेदारी रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) और रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट (RTET) को दी जाएगी। इस हिस्सेदारी में उनकी सौतेली बहनों शिरीन और डीना जेजेभोय और मोहिनी दत्ता को कोई अधिकार नहीं होगा। मोहिनी दत्ता खुद को टाटा का दत्तक पुत्र बताती हैं और वे रतन टाटा के करीबी सहयोगी भी रहे हैं।


फैसले की पृष्ठभूमि

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह निर्णय तब आया जब रतन टाटा की संपत्ति के प्रशासकों ने बॉम्बे हाई कोर्ट से मार्गदर्शन मांगा कि उनकी इक्विटी हिस्सेदारी किसे दी जानी चाहिए। कोर्ट ने 16 जून 2025 को आदेश जारी करते हुए यह स्पष्ट किया कि यह संपत्ति उनकी दोनों फाउंडेशनों के बीच समान रूप से बांटी जाएगी।


वसीयत का विवाद

हालांकि प्रशासकों के बीच कोई विवाद नहीं था, लेकिन कुछ मामलों में वे लाभार्थी भी थे। इसके अलावा, अन्य उत्तराधिकारियों ने टाटा की वसीयत से जुड़े परिशिष्टों पर सवाल उठाए थे। खासकर यह प्रश्न था कि वसीयत के खंड 4 से 8 में जिन लोगों को लाभार्थी बताया गया था, उन्हें गैर-टाटा संस शेयर भी दिए जाएं या नहीं।


शेयरों का विवरण

रतन टाटा के पास 1,547 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के गैर-टाटा संस शेयर हैं, जिनमें TCS, टाटा मोटर्स, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन, RNT एसोसिएट्स, प्रीतीश नंदी कम्युनिकेशंस, Curefit, अवंती फाइनेंस, Electra EV और कुछ विदेशी शेयर शामिल हैं। इन सभी शेयरों को अब RTEF और RTET को बराबर हिस्सों में बांटा जाएगा।


टाटा संस के शेयरों का मूल्यांकन

टाटा संस में रतन टाटा की हिस्सेदारी की कीमत लगभग 1,684 करोड़ रुपये आंकी गई है। उनकी वसीयत में इनका विशेष रूप से उल्लेख किया गया है और इन्हें RTEF और RTET के बीच 70:30 अनुपात में बांटा जाएगा।