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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राम मंदिर में अन्नपूर्णा मंदिर में किया पूजा-अर्चना

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 31 दिसंबर को राम मंदिर परिसर में अन्नपूर्णा मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। पूजा के बाद श्रद्धालुओं ने उनका स्वागत किया। इस धार्मिक कार्यक्रम में लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। जानें इस विशेष अवसर की और भी जानकारी।
 

राम मंदिर परिसर में धार्मिक अनुष्ठान

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार, 31 दिसंबर को प्राण प्रतिष्ठा द्वादशी के अवसर पर राम मंदिर परिसर में अन्नपूर्णा मंदिर में धर्म ध्वजा फहराई और पूजा में भाग लिया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ थे। अन्नपूर्णा मंदिर, राम मंदिर परिसर में स्थित सात मंदिरों में से एक है।


पूजा के दौरान श्रद्धालुओं का उत्साह

राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी ने मंत्रोच्चार और जयकारों के बीच विधिपूर्वक पूजा की और मां अन्नपूर्णा के मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहराई। पूजा के बाद जब दोनों नेता मंदिर से बाहर आए, तो श्रद्धालुओं ने जय श्रीराम के नारे लगाकर उनका स्वागत किया।


मुख्यमंत्री योगी का अभिवादन

इस दौरान, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया और बच्चों को आशीर्वाद दिया। पूरे परिसर में भक्तिमय और उत्साह का माहौल बना रहा, जिससे सभी लोग खुश नजर आए।


राजनाथ सिंह ने रामलला की पूजा की

अधिकारियों के अनुसार, राजनाथ सिंह ने रामलला की पूजा की और प्राण प्रतिष्ठा द्वादशी कार्यक्रम में मुख्य यजमान के रूप में भाग लिया। मुख्य धार्मिक कार्यक्रम बुधवार को हुआ, लेकिन इससे जुड़े अनुष्ठान शुक्रवार तक जारी रहेंगे।


लाखों श्रद्धालुओं की उम्मीद

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक अधिकारी ने बताया कि इन धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान रामलला के दर्शन के लिए लगभग पांच से छह लाख श्रद्धालुओं के अयोध्या आने की संभावना है।


राजनाथ सिंह का स्वागत

प्राण प्रतिष्ठा द्वादशी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार सुबह अयोध्या पहुंचे। महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका स्वागत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इसके बाद दोनों नेता हनुमानगढ़ी गए और दर्शन-पूजन के बाद श्रीराम जन्मभूमि परिसर पहुंचे।


धर्म ध्वजा फहराने का महत्व

धर्म ध्वजा फहराने का यह कार्यक्रम 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर के शिखर पर केसरिया धर्म ध्वजा फहराने के बाद हुआ। इसे मंदिर निर्माण के पूर्ण होने का प्रतीक माना गया। पिछले साल 22 जनवरी को पीएम मोदी के नेतृत्व में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी।