रक्षा मंत्री ने छावनी बोर्डों के स्मार्ट और टिकाऊ विकास पर जोर दिया
छावनी बोर्डों का स्मार्ट विकास
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘मंथन 2025’ सम्मेलन में छावनी बोर्डों को स्मार्ट, हरित और टिकाऊ शहरी पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने भारतीय रक्षा संपदा सेवा (IDES) से अपील की कि वे आधुनिकीकरण, डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देने और नागरिक भागीदारी को सुनिश्चित करते हुए पारदर्शी और जवाबदेह संस्थाएं स्थापित करें, ताकि छावनियां आधुनिक शहरों में परिवर्तित हो सकें। सिंह ने यह बात बृहस्पतिवार को रक्षा संपदा महानिदेशालय (डीजीडीई) द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन ‘मंथन 2025’ के दौरान कही।
रक्षा मंत्री ने आईडीईएस से छावनी बोर्ड के आधुनिकीकरण के लिए कड़ी मेहनत करने का आग्रह किया। उन्होंने 18 लाख एकड़ से अधिक रक्षा भूमि के प्रबंधन और भारत भर में 61 छावनियों में निवास करने वाले नागरिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी को सफलतापूर्वक निभाने के लिए आईडीईएस अधिकारियों की सराहना की।
उन्होंने छावनियों को आधुनिक शहरों के समान विकसित करने के लिए प्रक्रियाओं और प्रणालियों में निरंतर सुधार की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देना आवश्यक है ताकि लोग घर बैठे पारदर्शी और समय पर सेवाएं प्राप्त कर सकें।’’
रक्षा मंत्री ने नागरिकों की भागीदारी को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि छावनी के भविष्य के नियोजन में निवासी सक्रिय रूप से शामिल हो सकें। उन्होंने कहा, ‘‘हमें छावनी बोर्डों को आधुनिक, पारदर्शी और जवाबदेह संस्थाओं में बदलना होगा, जो समय की आवश्यकताओं के अनुसार सेवाएं प्रदान कर सकें।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि छावनी में रहने वाले लोगों को सर्वोत्तम नागरिक सुविधाएं और त्वरित शिकायत निवारण तंत्र उपलब्ध कराएं।