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योगी सरकार की नई पहल: ग्रामीण युवाओं के लिए डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना

योगी आदित्यनाथ सरकार ने ग्रामीण युवाओं के लिए डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने की योजना की घोषणा की है। इस पहल के तहत 11,350 ग्राम पंचायतों में लाइब्रेरी खोली जाएंगी, जिससे छात्र अब शहरों पर निर्भर नहीं रहेंगे। प्रत्येक लाइब्रेरी में ई-बुक्स, वीडियो लेक्चर, और अन्य डिजिटल सामग्री उपलब्ध होगी। यह योजना 'विकसित भारत 2047' के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जानें इस योजना के बारे में और अधिक जानकारी।
 

डिजिटल लाइब्रेरी का महत्व

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने ग्रामीण युवाओं को आधुनिक शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सहायता प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पहले चरण में, 11,350 ग्राम पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित की जाएगी, जिससे गांव के छात्र अब शहरों पर निर्भर नहीं रहेंगे। प्रत्येक लाइब्रेरी पर 4 लाख रुपये का खर्च आएगा, जिसमें 2 लाख रुपये की पुस्तकें, 1.30 लाख रुपये के आईटी उपकरण और 70 हजार रुपये का फर्नीचर शामिल होगा।


डिजिटल सामग्री की उपलब्धता

इन लाइब्रेरी में ई-बुक्स, वीडियो लेक्चर, ऑडियो सामग्री, क्विज और लगभग 20 हजार डिजिटल शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध होगी। पंचायतों के निदेशक अमित कुमार सिंह ने बताया कि यह योजना सभी जिलों में चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर बेहतर होगा और युवा रोजगार के लिए अधिक सक्षम बन सकेंगे।


ग्रामीण प्रतिभाओं को सशक्त बनाना

योगी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत 35 जिलों में पुस्तकों का चयन पूरा कर लिया गया है। इनमें लखनऊ सहित अन्य जिलों की ग्राम पंचायतों में जल्द ही डिजिटल लाइब्रेरी शुरू की जाएगी। यह पहल 'विकसित भारत 2047' के लक्ष्य की दिशा में ग्रामीण प्रतिभाओं को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।


पुस्तकों का चयन करने वाले जिले

अमरोहा, आजमगढ़, बांदा, बलिया, बागपत, बदायूं, बरेली, बिजनौर, चित्रकूट, एटा, फतेहपुर, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, गाजीपुर, हरदोई, हापुड़, जालौन, कानपुर देहात, कन्नौज, कौशाम्बी, कासगंज, लखनऊ, मऊ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायबरेली, सम्भल, शामली, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, सुल्तानपुर, सीतापुर जैसे जिले इस योजना का हिस्सा हैं।