योगी सरकार का शिक्षामित्रों के लिए नया ट्रांसफर आदेश
उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों के लिए खुशखबरी
उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों के लिए एक महत्वपूर्ण समाचार सामने आया है। लंबे समय से स्थानांतरण की मांग कर रहे 1,42,000 शिक्षामित्रों को योगी सरकार ने नए साल पर एक बड़ा तोहफा दिया है। दरअसल, सरकार ने शिक्षामित्रों के ट्रांसफर के लिए एक नई नीति बनाई है।
इस नीति के तहत, महिला शिक्षामित्र अब अपने घर के निकट और ससुराल के आस-पास के स्कूलों में ट्रांसफर करा सकेंगी।
कई महिलाओं की नियुक्ति उनके मायके में हुई थी, और शादी के बाद उन्हें ससुराल आने-जाने में कठिनाई होती है। इस नीति के अनुसार, पति-पत्नी में से किसी एक की सरकारी नौकरी, पत्नी या बेटी की बीमारी, एकल अभिभावक, दिव्यांगता और पूर्ण संविदा के आधार पर ट्रांसफर किया जाएगा।
ट्रांसफर के लिए 5 सदस्यीय समिति का गठन
ट्रांसफर प्रक्रिया के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय समिति बनाई जाएगी। यह समिति शिक्षामित्रों के ट्रांसफर का मूल्यांकन करेगी और उनकी मांगों के अनुसार निर्णय लेगी। समिति में जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, डायट प्राचार्य, बेसिक शिक्षा अधिकारी और सहायक वित्त अधिकारी शामिल होंगे।
पहली नियुक्ति के बाद नहीं हुआ ट्रांसफर
उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र अब निर्धारित प्रारूप में आवेदन कर सकेंगे। शिक्षामित्रों के ट्रांसफर के लिए शिक्षा विभाग ने कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उल्लेखनीय है कि जब से शिक्षामित्रों ने अपनी नौकरी शुरू की है, तब से उनका ट्रांसफर नहीं हुआ है। वे अपनी पहली पोस्टिंग के स्थान पर ही कार्यरत हैं, जबकि प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों का समय-समय पर ट्रांसफर होता रहता है।
एक जनवरी को बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. एमकेएस सुंदरम ने कहा था कि शिक्षामित्रों के ट्रांसफर और मूल विद्यालय वापसी से संबंधित आदेश जल्द जारी किया जाएगा। मानदेय को लेकर भी प्रस्ताव जल्द भेजा जाएगा। विभाग इस पर तेजी से काम कर रहा है।
ट्रांसफर आदेश और मानदेय में वृद्धि की प्रतीक्षा
हाल ही में शिक्षामित्रों ने अपने ट्रांसफर और मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर लखनऊ में धरना प्रदर्शन किया था। इस दौरान प्रमुख सचिव डॉ. एमकेएस सुंदरम से शिक्षामित्र संघ ने मुलाकात की थी। प्रमुख सचिव ने संघ को आश्वासन दिया कि शिक्षामित्रों के मूल विद्यालय वापसी, महिला शिक्षिकाओं को निकटवर्ती विद्यालय आवंटित करने और मानदेय बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। हालांकि, ट्रांसफर का आदेश जारी हो चुका है, लेकिन मानदेय बढ़ाने पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।