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योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस पर शिक्षकों के लिए कैशलेस चिकित्सा योजना की घोषणा की

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों के लिए कैशलेस चिकित्सा योजना की घोषणा की है। इस योजना का लाभ शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को भी मिलेगा, जिससे लगभग 9 लाख परिवारों को फायदा होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम राज्य की प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिक्षकों के योगदान की सराहना की। इस योजना से शिक्षकों को अस्पताल में इलाज के लिए पैसे की चिंता नहीं करनी पड़ेगी, जिससे उन्हें आर्थिक बोझ से राहत मिलेगी।
 

शिक्षक दिवस पर महत्वपूर्ण घोषणा

लखनऊ में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती और 'शिक्षक दिवस' के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षकों के लिए कैशलेस चिकित्सा सुविधा की शुरुआत की घोषणा की। लोक भवन में हुए इस सम्मान समारोह में उन्होंने बताया कि सभी शिक्षकों को अब कैशलेस चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध होंगी। इस योजना का लाभ शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को भी मिलेगा, जिनका मानदेय भी बढ़ाया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है, जिसकी रिपोर्ट जल्द ही आएगी, जिसके बाद मानदेय में वृद्धि की जाएगी।


उत्तर प्रदेश की प्रगति पर मुख्यमंत्री का बयान

शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश, जो पहले 'बीमारू राज्य' के रूप में जाना जाता था, अब भारत के विकास का प्रमुख केंद्र बन रहा है। उन्होंने कहा कि जो राज्य अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रहा था, आज उसकी एक मजबूत पहचान है और लोग इस पर गर्व महसूस करते हैं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि आठ साल पहले सत्ता में आने वाले लोग राज्य के लिए कुछ नहीं कर सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राधाकृष्णन के योगदान को याद करते हुए शिक्षकों के प्रति अपनी शुभकामनाएँ व्यक्त कीं, यह कहते हुए कि शिक्षकों का समर्पण एक उज्जवल भविष्य की नींव है।


कैशलेस चिकित्सा योजना का लाभ

प्रदेश सरकार के इस निर्णय से लगभग 9 लाख परिवारों को लाभ होगा। कैशलेस योजना का मतलब है कि यदि शिक्षक या उनके परिवार में कोई बीमारी होती है, तो अस्पताल में प्रारंभिक इलाज के लिए पैसे की व्यवस्था करने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। इलाज के बाद यदि बीमा के दायरे में खर्च आता है, तो यह शिक्षकों के लिए आर्थिक बोझ नहीं बनेगा।