योगी आदित्यनाथ ने वैश्विक न्याय और समावेशिता पर जोर दिया
मुख्यमंत्री का महत्वपूर्ण बयान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि नई प्रौद्योगिकियों के सामने आने वाली चुनौतियों के संदर्भ में, दुनिया को एक अधिक न्यायपूर्ण, समावेशी और उत्तरदायी वैश्विक व्यवस्था की आवश्यकता है। 26वें ICCJW (विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन) में बोलते हुए, उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त राष्ट्र के घोषणापत्र को अपनाए जाने के 80 साल बाद भी, इसकी प्रासंगिकता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि चाहे वह जलवायु परिवर्तन का मुद्दा हो या वैश्विक संकट का समाधान, भारत का दृष्टिकोण आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
उभरती प्रौद्योगिकियों की चुनौतियाँ
सीएम योगी ने कहा कि नई प्रौद्योगिकियां जीवन को सरल बना रही हैं, लेकिन साथ ही साइबर अपराध, डेटा चोरी और अन्य नई समस्याओं का सामना भी करवा रही हैं। ऐसे समय में, न्याय और नैतिकता वैश्विक शांति और मानव सभ्यता के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमें 80 साल पहले की संयुक्त राष्ट्र की घोषणा पर पुनर्विचार करना चाहिए, जिसमें कहा गया था कि दुनिया को एक अधिक न्यायपूर्ण, समावेशी और उत्तरदायी वैश्विक व्यवस्था की आवश्यकता है।
समकालीन मुद्दों पर ध्यान
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आज की आवश्यकता केवल पुरानी मान्यताओं तक सीमित नहीं है, बल्कि समकालीन मुद्दों जैसे जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा, स्वास्थ्य संकट और वैश्विक आतंकवाद पर ध्यान केंद्रित करने की है। उन्होंने भारत की प्राचीन परंपरा का उल्लेख किया, जिसमें पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश की पूजा की जाती है, और कहा कि हमें इनकी पवित्रता और सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
न्याय का महत्व
योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन के दौरान यह भी कहा कि न्याय केवल योग्यता पर आधारित नहीं होना चाहिए, बल्कि हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा, "इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से, दुनिया भर के लोग यहाँ एकत्रित हुए हैं, और यह संदेश देना आवश्यक है कि न्याय न केवल सामर्थ्य का आधार होना चाहिए, बल्कि हर नागरिक की सुरक्षा और उनके उज्ज्वल भविष्य का भी आधार होना चाहिए।"