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योगी आदित्यनाथ ने टीईटी अनिवार्यता के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने का दिया निर्देश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग को टीईटी को अनिवार्य बनाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य के शिक्षक अनुभवी हैं और उनकी योग्यता को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। हाल ही में, दो शिक्षकों ने टीईटी पास करने के दबाव के कारण आत्महत्या कर ली, जिससे इस मुद्दे की गंभीरता और बढ़ गई है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश सभी सरकारी स्कूल शिक्षकों पर लागू होगा, जिससे लाखों शिक्षक प्रभावित होंगे।
 

मुख्यमंत्री का आदेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देशित किया कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करे, जिसमें सेवारत शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अनिवार्य बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के शिक्षक अनुभवी हैं और उन्हें समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है। ऐसे में उनकी योग्यता और सेवा के वर्षों को नजरअंदाज करना उचित नहीं है।


टीईटी के खिलाफ शिक्षकों की आत्महत्या

मुख्यमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया पर बताया कि योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग को टीईटी की अनिवार्यता पर उच्चतम न्यायालय के आदेश का पुनर्विचार करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शिक्षक अनुभवी हैं और उन्हें समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है। ऐसे में उनकी योग्यता और सेवा के वर्षों को नजरअंदाज करना उचित नहीं है।


हाल ही में, उत्तर प्रदेश में दो शिक्षकों ने आत्महत्या कर ली, जो चालीस और पचास के दशक के अंत में थे। वे टीईटी पास करने के दबाव का सामना नहीं कर पाए। उनके परिवारों का कहना है कि वे परीक्षा की तैयारी को लेकर तनाव में थे।


सुप्रीम कोर्ट का आदेश

1 सितंबर, 2025 को, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने निर्णय दिया कि सभी सरकारी स्कूल शिक्षकों को, जिनकी सेवा पांच साल से अधिक है, टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। अन्यथा, उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति या त्यागपत्र का सामना करना पड़ेगा। यह आदेश तमिलनाडु और महाराष्ट्र में शिक्षकों की नियुक्तियों से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया गया था, जिसका अखिल भारतीय प्रभाव है, जिससे लगभग 10 लाख शिक्षक प्रभावित होंगे, जिनमें से लगभग दो लाख अकेले उत्तर प्रदेश में हैं।