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योगी आदित्यनाथ ने किसानों के भविष्य को सुरक्षित बनाने की दिशा में उठाए कदम

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि 2014 से किसानों को सरकार के एजेंडे में शामिल किया गया है और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 12 करोड़ किसानों को लाभ मिल रहा है। इसके अलावा, उन्होंने 2017 में किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए कर्ज माफी कार्यक्रम और सिंचाई योजनाओं की शुरुआत की। योगी ने शेल कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं।
 

किसानों के लिए डबल इंजन सरकार की पहल

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि राज्य में किसानों का भविष्य उज्ज्वल और सुरक्षित बनाने के लिए ‘डबल इंजन’ सरकार सक्रिय है। किसान सम्मान समारोह में बोलते हुए, उन्होंने बताया कि 2014 में एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद से किसान इस सरकार के प्रमुख एजेंडे में शामिल हो गए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने जानकारी दी कि देश के 12 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल रहा है।


किसानों के लिए योजनाओं की श्रृंखला

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2014 में पहली बार किसानों को किसी सरकार के राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा बनते देखा गया। पीएम मोदी द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत के बाद, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना भी लागू की गई। इस प्रकार, 12 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल रहा है। यह डबल इंजन सरकार किसानों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।


किसानों की समस्याओं का समाधान

मुख्यमंत्री ने बताया कि 2017 में जब उनकी सरकार आई, तब किसानों की आत्महत्या की घटनाएं बढ़ रही थीं और कोई सहायता उपलब्ध नहीं थी। उन्होंने 86 लाख किसानों के 36,000 करोड़ रुपए के कर्ज माफी कार्यक्रम को प्राथमिकता दी। इसके बाद, राज्य में सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का सहारा लिया गया। इसके अलावा, योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में राज्य कर विभाग की समीक्षा की और अधिकारियों को कर वसूली में पारदर्शिता और सख्त प्रवर्तन की सलाह दी।


वित्त आयोग के साथ बैठक

सीएम योगी ने शेल कंपनियों और फर्जी पंजीकृत कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने लखनऊ में 16वें वित्त आयोग के सदस्यों के साथ बैठक की, जिसमें राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि सीएम ने केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग की।