योगराज सिंह का अकेलापन: पूर्व क्रिकेटर ने साझा की अपनी भावनाएं
योगराज सिंह का जीवन और अकेलापन
नई दिल्ली: पूर्व भारतीय क्रिकेटर और अभिनेता योगराज सिंह, जो दिग्गज ऑलराउंडर युवराज सिंह के पिता हैं, ने अपने जीवन में गहरे अकेलेपन का अनुभव साझा किया है। 62 वर्षीय योगराज ने बताया कि वह अपने गृहनगर में अकेले समय बिता रहे हैं और उनके जीवन में अब देखने या अनुभव करने के लिए कुछ भी नहीं बचा है।
एक इंटरव्यू में योगराज ने कहा, "मैं शाम को अकेला बैठा रहता हूं, घर पर कोई नहीं होता। मुझे खाने के लिए अजनबियों पर निर्भर रहना पड़ता है। हालांकि, मैं किसी को परेशान नहीं करता। जब मुझे भूख लगती है, तो कोई न कोई मेरे लिए खाना ले आता है। मैंने घर में नौकर और रसोइया रखे हैं, जो खाना परोसकर चले जाते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं अपने परिवार के सभी सदस्यों से बहुत प्यार करता हूं, लेकिन मैं कुछ नहीं मांगता। मैं मरने के लिए तैयार हूं। मेरा जीवन पूरा हो गया है, और जब भगवान चाहें, मुझे अपने पास ले जा सकते हैं। मैं भगवान का आभारी हूं और प्रार्थना करता हूं।" योगराज का व्यक्तिगत जीवन उनके क्रिकेट करियर की तरह ही जटिल रहा है।
योगराज ने पहली बार शबनम कौर से शादी की, जिनसे उनके दो बेटे, युवराज और जोरावर, हुए। लेकिन लगातार विवादों के कारण यह शादी अंततः टूट गई। युवराज ने बताया कि उन्होंने तलाक का सुझाव इसलिए दिया क्योंकि उनके माता-पिता हमेशा झगड़ते रहते थे। इसके बाद योगराज ने नीना बुंदेल से दूसरी शादी की, जिनसे उनका एक बेटा विक्टर और एक बेटी अमरजोत है।
योगराज ने कहा कि निर्णायक क्षण तब आया जब शबनम और युवराज उनका घर छोड़कर चले गए। उन्होंने कहा, "जब युवी और उसकी मां मुझे छोड़कर चले गए, तो मुझे सबसे बड़ा झटका लगा। जिस औरत के लिए मैंने अपनी पूरी जिंदगी लगा दी, वो मुझे छोड़कर कैसे जा सकती है? मैंने भगवान से पूछा कि ये सब क्यों हो रहा है, जबकि मैंने सबके साथ सब कुछ सही किया था।"