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यूपी में टीजीटी भर्ती परीक्षा की नई तारीखें स्थगित होने की संभावना

उत्तर प्रदेश में टीजीटी भर्ती परीक्षा एक बार फिर स्थगित होने की संभावना बढ़ गई है। 2022 में जारी विज्ञापन के बाद से यह परीक्षा चार बार टल चुकी है। नए अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी के कारण परीक्षा की तारीखें आगे बढ़ने की स्थिति में हैं। 8.68 लाख से अधिक अभ्यर्थियों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि पहले से निर्धारित तारीखें भी स्थगित होती रही हैं। जानें इस स्थिति के पीछे की वजहें और आगे की संभावनाएं।
 

टीजीटी भर्ती परीक्षा में देरी की आशंका

यूपी में टीजीटी भर्ती परीक्षाImage Credit source: Getty Images

उत्तर प्रदेश में टीजीटी भर्ती परीक्षा एक बार फिर स्थगित होने की संभावना बढ़ गई है। 2022 में जारी विज्ञापन के बाद से यह परीक्षा चार बार टल चुकी है, और अब यह पांचवीं बार भी आगे बढ़ने की स्थिति में है। इसकी मुख्य वजह आयोग में नए अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी बताई जा रही है। उम्मीद थी कि नवंबर के मध्य तक नया अध्यक्ष चुन लिया जाएगा, जिससे 18-19 दिसंबर को प्रस्तावित परीक्षा को अंतिम रूप दिया जा सके, लेकिन संशोधन अध्यादेश 2025 के कारण नियुक्ति प्रक्रिया में बाधा आ गई है। ऐसे में दिसंबर में परीक्षा कराना मुश्किल प्रतीत हो रहा है.

नए अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग 2022 की टीजीटी और पीजीटी भर्ती परीक्षाओं को समय पर आयोजित नहीं कर पा रहा है। जनवरी 2022 में 3539 पदों के लिए विज्ञापन जारी होने के बाद से चार बार परीक्षा की तारीखें घोषित की गई हैं, लेकिन एक भी बार परीक्षा आयोजित नहीं हो पाई। आयोग को उम्मीद थी कि नवंबर 2025 के मध्य तक नया अध्यक्ष नियुक्त हो जाएगा, जिससे 18-19 दिसंबर की नई तारीख पर परीक्षा को हरी झंडी मिल सके.

संशोधन अध्यादेश का प्रभाव

हालांकि, शिक्षा सेवा चयन आयोग संशोधन अध्यादेश 2025 के लागू होने के कारण अध्यक्ष की नियुक्ति प्रक्रिया में रुकावट आ गई है। ऐसे में नवंबर में नया अध्यक्ष मिलना संभव नहीं है। दिसंबर में नियुक्ति होने पर भी परीक्षा की तैयारी करना उनके लिए कठिन होगा। यही कारण है कि परीक्षा के फिर स्थगित होने की संभावना बढ़ गई है.

अभ्यर्थियों की चिंता

इस भर्ती के लिए 8.68 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। आयोग ने पहले 45 अप्रैल 2025 को परीक्षा आयोजित करने की योजना बनाई थी, लेकिन इसे नहीं कर सका। इसके बाद 14-15 मई और फिर 21-22 जुलाई की तारीखें घोषित की गईं, लेकिन हर बार परीक्षा स्थगित होती रही। जुलाई के अंत में 30-31 जुलाई की तारीख तय की गई, लेकिन स्थिति वही बनी रही.

अध्यक्ष के इस्तीफे से बढ़ी देरी

तत्कालीन अध्यक्ष कीर्ति पांडेय ने अगस्त में बैठक कर 18-19 दिसंबर को नई तिथि तय की थी, लेकिन 22 सितंबर को उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 26 सितंबर से 21 अक्टूबर तक नए अध्यक्ष के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। चयन प्रक्रिया लंबी चलने के कारण अब दिसंबर मध्य की परीक्षा लगभग असंभव मानी जा रही है. कार्यवाहक अध्यक्ष ने भी 15-16 अक्टूबर की परीक्षा स्थगित कर दी थी.