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यूपी में कुत्ते की पूजा: भैरव बाबा मंदिर की अनोखी कहानी

उत्तर प्रदेश के चिपियाना बुजुर्ग गांव में भैरव बाबा मंदिर के परिसर में एक कुत्ते की मूर्ति लोगों की आस्था का केंद्र बन गई है। यहां कुत्ते के काटने पर तालाब में स्नान करने से राहत मिलने की मान्यता है। जानें इस मंदिर की अनोखी कहानी और कुत्ते की पूजा के पीछे का रहस्य।
 

कुत्ते की पूजा का अनोखा मामला


भारत में विभिन्न जातियों और धर्मों के लोग निवास करते हैं, और कई समुदाय अपने-अपने देवताओं की पूजा करते हैं। यहां तक कि सूर्य और पेड़ों को भी देवता माना जाता है।


हाल ही में उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा वेस्ट के चिपियाना बुजुर्ग गांव में एक अनोखी घटना सामने आई है। यहां भैरव बाबा मंदिर के परिसर में एक कुत्ते की मूर्ति लोगों की आस्था का केंद्र बन गई है। मान्यता है कि यदि किसी को कुत्ते ने काट लिया हो, तो उसे मंदिर के पास स्थित तालाब में स्नान करने से राहत मिलती है।


इस मंदिर की मान्यता इतनी प्रबल है कि लोग दूर-दूर से यहां कुत्ते की मूर्ति की पूजा करने आते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं। बताया जा रहा है कि एक स्थानीय निवासी लाखा बंजारे ने अपने कुत्ते की मृत्यु के बाद उसे यहीं दफनाया था, जिसके बाद गांव वालों ने उसकी कब्र पर एक मंदिर का निर्माण किया।


जादुई तालाब की मान्यता

चिपियाना गांव में भैरव मंदिर के पास स्थित कुत्ते की समाधि की कहानी भी दिलचस्प है। यहां एक तालाब बनाया गया है, जिसमें स्नान करने से कुत्ते के काटने का प्रभाव कम हो जाता है। हर शनिवार यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है।


यहां तक कि मान्यता है कि कुत्ते के काटने के बाद तालाब में स्नान करने से रेबीज का असर भी कम हो जाता है। मंदिर के बाहर एक कुंड भी है, जहां लोग स्नान कर सकते हैं।


कहानी का रहस्य

ग्रामीणों का कहना है कि कुत्ते की पूजा के पीछे एक दिलचस्प कहानी है। लगभग 150 साल पहले, लाखा नामक एक खानाबदोश ने अपने कुत्ते के लिए एक मकबरा बनवाया था।


कहानी के अनुसार, लाखा ने एक व्यापारी से पैसे उधार लिए थे और समय पर चुकता न कर पाने के कारण अपने कुत्ते को गिरवी रख दिया। एक दिन व्यापारी के घर चोरी हो गई, लेकिन कुत्ते ने न तो लुटेरों पर भौंका और न ही अपने मालिक को जगाया।


जब व्यापारी को चोरी का पता चला, तो उसने कुत्ते पर गुस्सा किया। लेकिन बाद में कुत्ते ने अपने मालिक को चोरी का सामान दिखा दिया। व्यापारी ने कुत्ते को आज़ाद कर दिया, लेकिन लाखा ने गुस्से में आकर कुत्ते को गोली मार दी। पश्चाताप के प्रतीक के रूप में लाखा ने भैरव बाबा मंदिर में कुत्ते के लिए समाधि बनवाई।