यूपी एटीएस ने महाराष्ट्र में तीन युवकों को फिलिस्तीन के लिए धन जुटाने के आरोप में गिरफ्तार किया
यूपी एटीएस की कार्रवाई
फाइल फोटो
उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ते (यूपी एटीएस) ने शनिवार को महाराष्ट्र के भिवंडी से तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि ये लोग फिलिस्तीन के लिए धन इकट्ठा कर रहे थे। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान मोहम्मद अयान मोहम्मद हुसैन (22), अबू सूफियान तजम्मुल अंसारी (22), और जैद नोटियार अब्दुल कादिर (22) के रूप में हुई है।
पुलिस के अनुसार, इन तीनों ने मिलकर लगभग 3 लाख रुपये इकट्ठा किए और बिना अनुमति के इन पैसों को उत्तर प्रदेश में अपने सहयोगियों के माध्यम से विदेश भेजा। यह गिरफ्तारी यूपी एटीएस और भिवंडी की स्थानीय पुलिस द्वारा की गई एक संयुक्त जांच के परिणामस्वरूप हुई।
गिरफ्तारी की प्रक्रिया
आरोपियों से शांति नगर पुलिस स्टेशन में पूछताछ की गई, जिसके बाद उन्हें आगे की जांच के लिए उत्तर प्रदेश भेजा गया। निज़ामपुरा पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस ऑपरेशन की निगरानी की। यह मामला 27 अगस्त 2025 को यूपी एटीएस द्वारा शुरू की गई जांच का हिस्सा है, जिसमें आतंकवाद विरोधी और विदेशी फंडिंग कानूनों की धाराओं को लागू किया गया था।
जांचकर्ताओं ने बताया कि यह ऑपरेशन एक अवैध वित्तीय नेटवर्क की निगरानी के तहत किया गया था, जो विदेश में आतंकवाद को बढ़ावा देने का काम कर रहा था। सूत्रों के अनुसार, यूपी एटीएस ने शुक्रवार से ही इन तीनों पर नजर रखी थी। ऑपरेशन तब समाप्त हुआ जब अबू सूफियान को गुलजार नगर में एक फ्लैट से पकड़ा गया। पूछताछ के दौरान उसने अपने अन्य साथियों की पहचान भी बताई। इसके बाद, एटीएस ने भिवंडी पुलिस के सहयोग से जैद अब्दुल कादिर और मोहम्मद अयान मोहम्मद हुसैन को गिरफ्तार किया।
इन तीनों को एंट्री और ट्रांज़िट रिमांड के लिए शांति नगर पुलिस स्टेशन में पेश किया गया और बाद में आगे की जांच के लिए लखनऊ भेजा गया।
जांच की दिशा
जांचकर्ता अब आरोपियों द्वारा धन जुटाने के लिए इस्तेमाल किए गए वित्तीय और ऑनलाइन नेटवर्क की जांच कर रहे हैं। इसके साथ ही, वे अन्य संभावित बिचौलियों का भी पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का यह ऑपरेशन सीमा पार से होने वाली आतंकी फंडिंग का मुकाबला करने और अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों से संभावित संबंधों को बाधित करने के लिए किया गया है। आने वाले दिनों में, जांच एजेंसियां इस मामले से जुड़े अन्य लोगों और अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क का भी पर्दाफाश कर सकती हैं।