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यूक्रेन की 'ऑपरेशन स्पाइडरवेब': प्राचीन ग्रीक रणनीति का आधुनिक रूप

यूक्रेन ने हाल ही में रूस के साइबेरिया में एक बड़ा ड्रोन हमला किया, जिसे 'ऑपरेशन स्पाइडरवेब' नाम दिया गया है। यह रणनीति प्राचीन ग्रीक ट्रोजन हॉर्स से प्रेरित है, जिसमें विश्वास का लाभ उठाकर आंतरिक हमले किए गए। इस लेख में, हम इस ऑपरेशन की रणनीति और प्राचीन ग्रीक युद्ध की कहानियों के बीच के संबंधों की चर्चा करेंगे। क्या ट्रॉय का शहर वास्तव में अस्तित्व में था? जानें इस ऐतिहासिक संदर्भ के बारे में।
 

यूक्रेन ने ऑपरेशन स्पाइडरवेब में क्या किया?

यूक्रेन ने हाल ही में रूस के साइबेरिया में एक बड़ा ड्रोन हमला किया, जो रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद का पहला बड़ा हमला था। यह हमला इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच हुई सीधी वार्ता के दूसरे दौर के बाद हुआ। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने इसे 'ऑपरेशन स्पाइडरवेब' नाम दिया। कई रिपोर्टों में इसे प्राचीन ग्रीक ट्रोजन हॉर्स रणनीति का आधुनिक संस्करण बताया गया है। यह रणनीति विश्वास या लापरवाही का फायदा उठाकर आंतरिक या अप्रत्याशित हमले करने की अनुमति देती है, जिससे महत्वपूर्ण नुकसान होता है। यूक्रेन ने रूस में ड्रोन को ट्रकों या कंटेनरों में छिपाकर भेजा और फिर महत्वपूर्ण लक्ष्यों पर अचानक हमले किए।


प्राचीन ग्रीक रणनीति क्या है?

ट्रोजन युद्ध में, ट्रॉय शहर के लोगों ने ग्रीक योद्धाओं के खिलाफ अपनी रक्षा की। ग्रीक योद्धा, जिनमें अचिल्लीस और ओडिसियस शामिल थे, ने ट्रॉय पर हमला किया। ग्रीक सेना ने ट्रॉय के मजबूत दीवारों को तोड़ने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन दस साल की घेराबंदी के बाद भी असफल रहे। अंततः, उन्होंने एक चालाक योजना बनाई। उन्होंने एक बड़ा लकड़ी का घोड़ा बनाया और उसमें सैनिकों को छिपा दिया। जब ट्रॉय के लोग इसे उपहार समझकर अपने शहर में लाए, तो रात में छिपे हुए सैनिक बाहर आए और ग्रीक सेना को शहर में प्रवेश करने दिया।


क्या ट्रॉय का शहर एक काल्पनिक कहानी है?

विभिन्न विद्वानों का मानना है कि ट्रॉय का शहर काल्पनिक नहीं है, हालांकि इसके ऐतिहासिक अस्तित्व पर बहस होती रही है। प्राचीन ग्रीक महाकाव्य, जैसे कि होमर की 'इलीड' और 'ओडिसी', में ट्रॉय का उल्लेख है। ये महाकाव्य ऐतिहासिक तत्वों के साथ मिथक को जोड़ते हैं। ट्रॉय का प्राचीन शहर, जिसे आज हिसार्लिक के नाम से जाना जाता है, का पुरातात्विक उत्खनन 1870 के दशक में हेनरिच श्लीमन द्वारा किया गया था।


हिसार्लिक, उत्तर-पश्चिमी तुर्की में

इतिहासकारों का मानना है कि प्राचीन ट्रॉय का शहर उत्तर-पश्चिमी तुर्की में हिसार्लिक में स्थित था। श्लीमन के उत्खनन से पता चला कि इस स्थल पर हजारों वर्षों में कई बार निर्माण और पुनर्निर्माण किया गया। शोधकर्ताओं ने इन परतों को ट्रॉय I से ट्रॉय IX के रूप में पहचाना। ट्रॉय VIIa की एक परत को लगभग 1200-1180 ईसा पूर्व के आसपास की तारीख दी गई है, जो प्राचीन ग्रीक कहानियों में वर्णित ट्रोजन युद्ध के समय से मेल खाती है।