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मोहन भागवत का भारतीयों से एकता और आत्मनिर्भरता का आह्वान

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भारतीयों से एकता और आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने नागपुर में एक समारोह में आतंकवाद, धर्मांतरण और आधुनिक युद्ध के मुद्दों पर चर्चा की। भागवत ने वैचारिक विभाजन के खतरे और समाज में एकता के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। इस दौरान, उन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद राजनीतिक एकता की आवश्यकता पर भी बल दिया।
 

एकता और आत्मनिर्भरता की आवश्यकता

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने गुरुवार को भारतीयों से आह्वान किया कि वे बाहरी और आंतरिक खतरों का सामना करने के लिए एकजुट और आत्मनिर्भर रहें। नागपुर में कार्यकर्ता विकास वर्ग-2 के समापन समारोह में भागवत ने आधुनिक युद्ध, आतंकवाद, आंतरिक कलह और धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर चर्चा की।


वैचारिक विभाजन का खतरा

भागवत ने वैचारिक विभाजन का उल्लेख करते हुए कहा, "जब तक दो-राष्ट्र सिद्धांत का विचार बना रहेगा, तब तक देश खतरे में रहेगा।" उन्होंने भारत के सामाजिक ताने-बाने को चुनौती देने वाले तत्वों की बात की। "युद्ध और तकनीक में बदलाव आया है, लेकिन सच्चाई यह है कि राष्ट्र के लिए कौन खड़ा है।"


साइबर युद्ध और आत्मनिर्भरता

उन्होंने आज के समय में साइबर युद्ध और छद्म युद्ध की बढ़ती प्रासंगिकता पर जोर दिया और भारत को अपनी क्षमताओं को विकसित करने की आवश्यकता बताई। भागवत ने कहा, "हम किसी को दुश्मन नहीं मानते, लेकिन हमें तैयार रहना चाहिए। आत्मनिर्भरता ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।"


राजनीतिक एकता का महत्व

मोहन भागवत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद राजनीतिक वर्ग में दिखी आपसी समझ को स्थायी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को पर्यटकों की हत्या के बाद लोगों ने दोषियों को सजा दिलाने की मांग की थी।


ऑपरेशन सिंदूर का संदर्भ

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया था। भागवत ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद समाज में एकता का संदेश दिया गया। उन्होंने जबरन धर्मांतरण के खिलाफ भी आवाज उठाई, यह कहते हुए कि यह हिंसा है।


एकता की आवश्यकता

भागवत ने कहा, "हमारी जड़ें एकता में हैं, विभाजन में नहीं।" उन्होंने यह भी कहा कि भले ही लोग विभिन्न भाषाएं बोलते हों, लेकिन एकता सभी मतभेदों से ऊपर है।


कार्यकर्ता विकास वर्ग का समापन

कार्यकर्ता विकास वर्ग द्वितीय नामक 25 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में 840 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। यह शिविर 12 मई को नागपुर में शुरू हुआ था। आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने कहा कि आरएसएस ही इस क्षेत्र में मदद कर सकता है।